हिन्दी हमारी राजभाषा के साथ-साथ हमारा स्वाभिमान और राष्ट्र गौरव भी है। हिन्दी हमारे सम्मान और गर्व की भाषा भी है। यह विश्व की प्राचीनतम एवं समृद्ध भाषा है। हर साल 14 सितंबर को हमारे देश में हिन्दी दिवस मनाया जाता है। अंग्रेजी भाषा के विस्तार के साथ-साथ बीते समय में हिन्दी भाषा ने अपने ही देश में अपनी पहचान खोई है, अंग्रेजी भाषा की ओर लोगों के बढ़ते रुझान के कारण हिन्दी भाषा की लोकप्रियता निश्चित रूप से कम हुई है।
हिन्दी भाषा के निरंतर कम होते रुझान व महत्व को पुनः स्थापित करने तथा लोगों में हिन्दी भाषा के प्रति रुचि जागृत करने के लिए हम प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस मनाते हैं। प्रिय पाठकों ! Hindi Diwas Essay in Hindi | हिन्दी दिवस पर निबंध | Hindi Diwas 2022 के हमारे इस लेख में हमने हिन्दी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay in Hindi) तथा हिन्दी दिवस पर भाषण ( Hindi Diwas Speech ) सरल हिन्दी भाषा में लिखा है, यदि आप हिन्दी दिवस के अवसर पर निबंध या भाषण लिखना या बोलना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
Hindi Diwas Essay in Hindi | हिंदी दिवस पर निबंध | Hindi Diwas 2022
प्रस्तावना – Introduction
14 सितंबर कि हमारे देश में हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिन्दी हमारे देश की राजभाषा है, परंतु समय के साथ-साथ इसकी चमक धूमिल हुई है, अपनी नई पीढ़ी से अपनी राजभाषा का परिचय कराने उनके दिलों में हिन्दी के प्रति सम्मान व गौरव का भाव उत्पन्न करने के लिए हम प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस मनाते हैं।
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हिन्दी भाषा का इतिहास – History of Hindi Language
दोस्तों, हिन्दी भाषा के इतिहास की बात करें तो यह लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना जाता है।संस्कृत भारत की प्राचीनतम भाषा है, इसे देव भाषा अथवा आर्य भाषा भी कहा जाता था। भारत में 1500 ई0 पूर्व से 1000 ईसा पूर्व तक संस्कृत भाषा रही।
संस्कृत के बाद पालि भाषा का उद्भव हुआ,जो पहली ईस्वी से 500 ई0 तक थी । उसी दौर में यह भाषा आम बोलचाल की भाषा में रूपांतरित हुई, और यह भाषा प्राकृत भाषा कहलाने लगी।
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प्राकृत भाषा में बहुत सी क्षेत्रीय मूल्यों का समावेश था फिर इसी भाषा से अपभ्रंश भाषा का विकास होना शुरू हुआ, प्राकृत भाषा का समय 500 ई0 से 1000 ई0 तक रहा। अपभ्रंश की देसी भाषा के सरल शब्दों को अवहट्ट कहा जाता था, कालांतर में अवहट्ट से ही हिन्दी भाषा का उद्भव माना जाता है।
हिन्दी के विकास के बारे में कुछ विद्वानों का मत है कि अपभ्रंश से ही हिन्दी का विकास हुआ, जबकि दूसरी ओर अन्य विद्वानों का मानना है कि अवहट्ट से हिन्दी भाषा का उद्भव हुआ।
देश के महान हिन्दी साहित्यकारों ने अपने विचारों को देश के अधिकांश लोगों तक पहुंचाने के लिए हिन्दी को माध्यम बनाया, हिन्दी भाषा और हिन्दी पत्रकारिता ने आगे चलकर देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, देश के आजाद होने के बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदीभाषा को देश की राजभाषा घोषित किया गया।
विश्व की अन्य भाषाओं की तुलना में हिन्दी भाषा का स्थान –
दुनिया भर में बोली जाने वाली लगभग 3000 भाषाओं में से हिन्दी एक महत्वपूर्ण भाषा है। वर्तमान में हिन्दी दुनिया की आबादी के 1 बड़े भाग के द्वारा बोली और समझी जाती है। भाषा के कई सर्वे के अनुसार विश्व की आबादी के 18 प्रतिशत लोग हिन्दी भाषा को समझते हैं।
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हिन्दी भाषा दुनिया में बोली जाने वाली भाषाओं में चौथे स्थान पर आती है, इससे पूर्व अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन ( चीनी भाषा ) का स्थान है। आंकड़ों के अनुसार विश्व में 70 से 80 करोड़ लोग हिन्दी भाषा बोलते हैं, जबकि हमारे देश में आबादी का 77% लोग हिन्दी भाषा समझते और बोलते हैं।
हालांकि हिन्दी भाषा भले ही रोजगार परक ना बन पाई हो, परंतु व्यवहार एवं बोलचाल की भाषा के रूप में हिन्दी का विकास बहुत अधिक हुआ है, वैसे भी हिन्दी भाषा में प्रेम, सम्मान एवं अपनत्व का जो भाव है वह किसी अन्य में नहीं।
हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेई जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच पर हमारी मातृभाषा हिन्दी में गौरवशाली व्याख्यान दिया है। इन सब के कारण हमारी हिन्दी भाषा का प्रचार प्रसार दुनिया भर में हो रहा है, और इसे दुनिया के अन्य देशों में पसंद भी किया जा रहा है। इन सब तथ्यों के आधार पर यह भी कहा जा सकता है कि हिन्दी भविष्य की भाषा है।
भारत में ‘हिन्दी दिवस‘ मनाने का कारण –
विश्व आर्थिक मंच के अनुसार दुनिया की 10 भाषाओं में से हिन्दी एक शक्तिशाली एवं समृद्ध भाषा है, हिन्दी भाषा का उद्भव संस्कृत से माना जाता है जो दुनिया की प्राचीनतम भाषा होने के साथ-साथ देव भाषा भी कहलाती है। इतनी समृद्ध एवं उन्नत भाषा-भाषी होने के बावजूद अफसोस के साथ यह कहना पड़ता है, कि हमारी नई पीढ़ी हिन्दी भाषा के महत्व को नजरअंदाज कर अंग्रेजी भाषा की ओर आकर्षित है।
हमारे बच्चे अंग्रेजी माध्यम वाले कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ते हैं, नतीजतन हिन्दी भाषा और संख्याओं को भली-भांति नहीं पढ़ पाते, वे तुलनात्मक रूप से अंग्रेजी भाषा के पठन-पाठन में स्वयं को अधिक सहज महसूस करते हैं। वे यह भूलने लगे हैं कि हिन्दी एक भाषा से बढ़कर हमारा राष्ट्रीय गौरव भी है।
अतः नई पीढ़ी को हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी के महत्व से परिचित कराने तथा अपनी राष्ट्रीय भाषा को अपना गौरव मानने की आदत विकसित करने के लिए हम हर वर्ष हिन्दी दिवस मनाते हैं।
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क्यों 14 सितंबर को ही मनाया जाता है हिन्दी दिवस –
14 सितंबर सन 1900 को जबलपुर, मध्य प्रदेश में जन्मे व्यौहार राजेंद्र सिंह हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार थे। उन्होंने हिन्दी को राजभाषा बनाने के लिए अपना अति महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसी कारण संविधान सभा ने उनके 50 वें जन्मदिन 14 सितंबर 1949 को चुना और इसी दिन हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। इसीलिए हम 14 सितंबर को हर साल हिन्दी दिवस के रूप में सेलीब्रेट करते हैं।
हिन्दी भाषा के विषय में लेखकों के विचार –
देश को अपनी भाषा और साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह कभी उन्नति नहीं कर सकता।
-डॉ राजेंद्र प्रसाद
अपनी भाषा को छोड़कर कोई भी राष्ट्र, राष्ट्र नहीं कहला सकता।
सीमाओं की रक्षा से भी जरूरी भाषा की रक्षा है।।
– महात्मा गांधी
राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है।
– महात्मा गांधी
हिन्दी ही राष्ट्रीय एकता की कड़ी जोड़ सकती है।
– बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’
हिन्दी हमारी भाषा और देश की प्रभावशाली विरासत है।
– माखनलाल चतुर्वेदी
राजभाषा सप्ताह-
हिन्दी दिवस अर्थात 14 सितंबर से प्रारंभ होकर 1 सप्ताह तक मनाए जाने वाले हिन्दी सप्ताह को ही राजभाषा सप्ताह कहा जाता है। राजभाषा सप्ताह के दौरान स्कूलों में हिन्दी भाषा से संबंधित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिनका उद्देश्य हिन्दी भाषा के विकास तथा इस्तेमाल को बढ़ावा देना है।
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हिन्दी दिवस पर दिए जाने वाले पुरस्कार – Awards Given on Hindi Diwas
हमारे देश में हिन्दी दिवस के अवसर पर कई पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य हिन्दी भाषा के प्रति लोगों की रूचि बढ़ाना तथा हिन्दी के महत्व को जन-जन तक पहुंचाना है। इस दिन राजभाषा कीर्ति तथा राजभाषा गौरव पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार –
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार किसी व्यक्ति विशेष को ना देकर किसी कार्यालय, विभाग अथवा समिति या संस्थान को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार का उद्देश्य विभिन्न कार्यों में हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा देना है। अतः ऐसे कार्यालय या संस्थान को यह पुरस्कार दिया जाता है जो अपने कार्यालय के समस्त कार्य हिन्दी भाषा में ही संपादित करते हैं और हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देते हैं।
राजभाषा गौरव पुरस्कार –
यह पुरस्कार केवल भारतीय नागरिकों को प्रदान किया जाता है। यह ऐसे व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने तकनीक अथवा विज्ञान विषय पर हिन्दी भाषा में किसी पुस्तक का लेखन किया हो, इस प्रकार का उद्देश्य विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में हिन्दी भाषा का विकास करना है, अक्सर इन विषयों में हिन्दी भाषा में लेखन कार्य नहीं होता।
हिन्दी दिवस के दिन यह पुरस्कार तेरे लोगों को प्रदान किया जाता है। इनमें से सभी को निम्न अनुसार धनराशि प्रदान की जाती है –
पुरस्कार | धनराशि |
---|---|
प्रथम पुरस्कार | रु0 2,00,000 |
द्वितीय पुरस्कार | रु0 1,50,000 |
तृतीय पुरस्कार | रु0 75,000 |
इसके अतिरिक्त सिर्फ 10 लोगों को ₹10,000 प्रति व्यक्ति प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में प्रदान किए जाते हैं, इसके साथ सभी को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया जाता है। कोई भी भारतीय लेखक जिसने विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में 100 पृष्ठों से अधिक की कोई पुस्तक लिखी है वह इस पुरस्कार हेतु सरकार को पुस्तक की जानकारी भेजकर पुरस्कार प्राप्ति हेतु अपना नामांकन करवा सकता है।
पुरस्कार के लिए नामांकित किए गए लोगों में से श्रेष्ठ 13 लेखकों को इस पुरस्कार के लिए चुन लिया जाता है।
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हिन्दी की उन्नति के लिये किये जा सकने वाले प्रयास –
हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है, हमें हर प्रकार से इसका सम्मान करना चाहिए। और अपनी राष्ट्रभाषा के उन्नयन के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए । उसमें हम निम्न कार्य कर सकते हैं –
1. हम बच्चों को हिन्दी मीडियम स्कूलों में पढ़ाने में हिचकते हैं और हमारी सोच ये रहती है कि हिन्दी मीडियम के बच्चे भविष्य में सफल नहीं होते, ये एक निर्मूल भावना है। वास्तव में ऐसा नहीं है हिन्दी मीडियम के बच्चे भी पूर्णरूप से सफल होते हैं, क्योंकि हिन्दी एक समृद्ध भाषा है, आज दूसरे देशों में हिन्दी भाषा पढ़ाने के लिए वैकेंसी निकलती हैं और भारतीय बच्चों का भविष्य बनता है।
2. हिन्दी भाषा के रोजमर्रा प्रयोग व हिन्दी माध्यम से पढ़ने को लेकर हमें अपना दृष्टिकोण बदलना चाहिए,अंग्रेजी एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा है उसे भी हमें अवश्य पढ़ना चाहिए परंतु साथ ही हमें अपनी भाषा की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
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3. अपनी मातृभाषा से हमें प्रेम व सम्मान करना सीखना चाहिए, मातृभाषा से प्रेम ही देशप्रेम को बढ़ाता है।
4. हमें ये समझना होगा कि निजभाषा प्रेम ही राष्ट्रप्रेम को बढ़ावा देता है, और इसी भवना से देश का विकास होता है। महान हिन्दी साहित्यकार भारतेन्दु हरिश्चंद्र जी ने भी कहा है –
“निज भाषा उन्नति अहै,
सब उन्नति को मूल।”
-भारतेन्दु हरिश्चंद्र
भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है हिन्दी –
हमारे देश में हिन्दी के अतिरिक्त कई अन्य भाषाएं भी बोली जाती हैं, परंतु हिन्दी संवैधानिक रूप से देश की राजभाषा होने के साथ-साथ सबसे ज्यादा बोली व समझी जाने वाली भाषा है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 43.63 प्रतिशत लोग हिन्दी बोलते हैं।
हिन्दी दिवस का महत्व – Significance of Hindi Diwas
संस्कृत के बाद हमारे देश में बोली जाने वाली हिन्दी प्राचीनतम भाषा है। हिन्दी भाषा का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है, कि भारत के अतिरिक्त हिन्दी भाषा को नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मॉरीशस आदि देशों में भी बोला जाता है, और उन देशों में भी यह अपना विशिष्ट स्थान रखती है।
हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है और लिपि देवनागरी है। हमारे देश में हिन्दी के अतिरिक्त कई अन्य क्षेत्रीय भाषाएं भी बोली जाती है परंतु देश में बोली जाने वाली भाषाओं में सर्वाधिक विस्तार हिन्दी भाषा का है।
हिन्दी दिवस के अवसर पर हमारे देश में राजभाषा गौरव पुरस्कार, राजभाषा कीर्ति पुरस्कार आदि प्रदान किए जाते हैं।
हिन्दी दिवस पर भाषण – Hindi Diwas Speech
हिन्दी भाषा का उद्भव संस्कृत से माना जाता है जो दुनिया की प्राचीनतम भाषा होने के साथ-साथ देव भाषा भी कहलाती है। संस्कृत के बाद हिन्दी प्राचीन काल से हमारी बोली जाने वाली प्रमुख भाषा रही है। हिन्दी के अतिरिक्त हमारे देश में अलग-अलग क्षेत्रों व राज्यों में कई अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं, परंतु हिन्दी उनमें सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
अतः लंबे समय से हिन्दी को राजभाषा बनाने के लिए प्रयास होते रहे हैं, काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविंद दास आदि विभिन्न हिन्दी साहित्यकारों ने हिन्दी को राजभाषा बनाने के लिए भागीरथ प्रयास किए हैं, जिनमें से व्यौहार राजेंद्र सिंह, जो हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार थे उनका योगदान उल्लेखनीय है।
इसी कड़ी में 1918 में महात्मा गांधी जी ने भी हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने की बात को समर्थन दिया था। अंततः 14 सितंबर 1949 को हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार कर लिया गया। क्योंकि 14 सितंबर व्यौहार राजेंद्र सिंह जी का जन्मदिन था अतः 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में चुना गया। हिन्दी के राजभाषा चयन के उपरांत गैर हिन्दी भाषी राज्यों ने इस बात का कड़ा विरोध किया।
हिन्दी हमारी राजभाषा तो बन गई परंतु अलग-अलग समय में विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण, भारत प्रवास, तथा अंग्रेजी शासन के चलते हिन्दी को कभी भी राजभाषा होने जैसा सम्मान प्राप्त नहीं हुआ। समय के साथ साथ अंग्रेजी भाषा ने अंतर्राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त किया, जिसके परिणाम स्वरूप हमारे ही देश में लोग हिन्दी भाषा को नजरअंदाज कर अंग्रेजी भाषा को अपनाने लगे, वर्तमान में दुनिया भर में अंग्रेजी भाषा के व्यवसायोन्मुख व कामकाजी भाषा होने के कारण अपने ही देश में, अपने ही लोगों के बीच हिन्दी भाषा अपना महत्व तलाशती रही।
राजभाषा को पुनः उसका सम्मान वापस दिलाने के लिए, आज हम 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं, इसके साथ-साथ हिन्दी सप्ताह भी मनाया जाता है, इस मौके पर, विद्यालयों में विभिन्न प्रकार की वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है, जिससे कि हिन्दी के प्रति बच्चों में रुचि पैदा की जा सके।
हिन्दी भाषा से संबंधित रोचक तथ्य – Interesting Facts Related to Hindi Language
- दुनिया की प्रत्येक ध्वनि को हिन्दी भाषा में लिखा जाता है।
- हिन्दी को पूर्णरूपेण ध्वन्यात्मक लिपि में लिखा गया है।
- फारसी भाषा के शब्द हिंद से हिन्दी शब्द का उद्भव माना जाता है, जिस का शाब्दिक अर्थ सिंधु नदी की भूमि है ।
- हिन्दी के कुछ शब्द संस्कृत भाषा से प्रेरित हैं ।
- हिन्दी भाषा के शब्द जिस प्रकार लिखे जाते हैं, उसी प्रकार उन्हें स्पष्ट किया जाता है।
- हिन्दी भाषा वेब ऐड्रेस (Web Address ) बनाने के लिए प्रयोग की जाने वाली 7 भाषाओं में से एक है।
- हिन्दी भाषा के इतिहास पर सर्वप्रथम फ्रांसीसी लेखक ग्रेस्मत तासी ने लिखा, यह एक आश्चर्यजनक तथ्य है।
- मूल रूप से हिन्दी फारसी भाषा का शब्द है, हिन्दी भाषा में पहली कविता प्रसिद्ध कवि अमीर खुसरो के द्वारा लिखी गई।
- पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने 1977 में विदेश मंत्री के रूप में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में भाषण दिया था।
- नमस्ते हिन्दी भाषा में सर्वाधिक बोला जाने वाला शब्द है।
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विश्व हिन्दी दिवस– World Hindi Diwas ( 10 जनवरी ) –
विश्व हिन्दी दिवस ( World Hindi Diwas ) हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह ने विश्व स्तर पर हिन्दी के प्रचार प्रसार को बढ़ावा देने के लिए 2006 में हर साल 10 जनवरी को ‘विश्व हिन्दी दिवस’ मनाने की घोषणा की थी।
10 जनवरी 2006 को सर्वप्रथम विश्व हिन्दी दिवस मनाया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी भाषा का विकास एवं प्रचार प्रसार करने के लिए प्रतिवर्ष 10 जनवरी को सभी देशों के भारतीय दूतावासों में विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है। नागपुर में 10 जनवरी 1975 को पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित किया गया, इसीलिए 10 जनवरी को ही विश्व हिन्दी दिवस के तौर पर मनाते हैं।
भारत के अतिरिक्त इन देशों में भी बोली जाती है हिन्दी –
दुनिया में बोली जाने वाली भाषाओं में हिन्दी चौथे स्थान पर आती है जिसे सबसे ज्यादा लोग बोलते हैं, भारत के अलावा कई ऐसे देश हैं जहां हिन्दी खूब बोली जाती है। विश्व भर में 80 करोड़ लोग हिन्दी बोलते हैं। तो दोस्तों, आइए जानते हैं भारत के अलावा कौन-कौन से देश में हिन्दी बोली जाती है। इन देशों के नाम हैं –
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- नेपाल
- पाकिस्तान
- बांग्लादेश
- फिजी
- थाईलैंड
- अमेरिका
- त्रिनिदाद एवं टोबेगो
- सिंगापुर
- साउथ अफ्रीका
- मॉरीशस
- गुयाना
- सूरीनाम
हिन्दी दिवस पर कविता/शायरी – Hindi Diwas Poem/Shayri
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मेरी पहचान हिन्दी है,
मेरी जान हिन्दी है।
हिन्द है वतन मेरा,
मेरी जुबान हिन्दी है।
हिन्दी से हम प्रेम करें,
मेरा अभिमान हिन्दी है।
आओ मिलकर इसका विस्तार करें,
हम सबका सम्मान हिन्दी है।
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हिन्दी से हम प्रेम करें,
उसका न अपमान करें।।
हमारी मातृभाषा है हिन्दी,
उसका हम सम्मान करें।।
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हमारे राष्ट्र गौरव की भाषा है हिन्दी।
भारत माँ के भाल की बिंदी है हिन्दी।।
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हिन्दी का प्रयोग ही हिन्दी का सम्मान है।
हिन्दी है हिन्द की भाषा, यही हम सबकी शान है ।।
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निष्कर्ष – Conclusion
वर्तमान में अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में उभरी है, अतः हम इसके महत्व को पूरी तरह से नकार नहीं सकते, परंतु साथ ही हमें यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा होने के साथ-साथ हमारा राष्ट्र गौरव भी है।
हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है, हमें अपने राष्ट्र के समान ही इसका आदर सम्मान करना चाहिए, तथा हिन्दी दिवस हमारी समृद्धिशाली हिन्दी भाषा के सम्मान और महत्व का दिन है, अतः उसे हमें पूरे गौरव और हर्षोल्लास से मनाना चाहिए।
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FAQ
प्रश्न – भारत में राष्ट्रीय हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है ?
उत्तर – 14 सितंबर
प्रश्न – राष्ट्रीय हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है ?
उत्तर – अपनी राजभाषा हिन्दी को समुचित सम्मान व आने वाली पीढ़ियों को मातृभाषा गौरव से परिचय कराने के लिए।
प्रश्न – राष्ट्रीय हिन्दी दिवस की शुरुआत कब हुई ?
उत्तर – 14 सितंबर 1949
प्रश्न – विश्व हिन्दी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
उत्तर – विश्व हिन्दी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। राजभाषा हिन्दी का सम्मान करने व उसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
प्रश्न – हमारे देश में14 सितंबर को प्रतिवर्ष कौन सा दिवस मनाया जाता है?
उत्तर – राष्ट्रीय हिन्दी दिवस
प्रश्न – 14 सितंबर को हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्तर – राजभाषा हिन्दी का सम्मान करने व उसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
प्रश्न – हिन्दी दिवस मनाने का औचित्य क्या है?
उत्तर – हिन्दी दिवस मनाकर हम अपनी राजभाषा का सम्मान करते है और उस पर गर्व करते हैं, इससे लोगों में राजभाषा के साथ-साथ राष्ट्रप्रेम की भावना का विकास होता है, साथ हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार होता है।
प्रश्न – हिन्दी दिवस पर क्या लिखें?
उत्तर – हिन्दी दिवस पर हमें हिन्दी के इतिहास, विकास उसके प्रयोग पर निबंध और हिन्दी भाषा के विकास और महत्व पर भाषण इत्यादि लिखने चाहिए।
प्रश्न – हिन्दी दिवस पर भाषण कैसे दे?
उत्तर – सर्वप्रथम मंचासीन अध्यक्ष, मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य व्यक्तियों को अभिवादन कर हिन्दी दिवस की बधाई देनी चाहिए, फिर हिन्दी भाषा के इतिहास, विकास, प्रयोग व महत्व आदि के बारे में बताकर अपना भाषण पूर्ण करना चाहिए।
प्रश्न – हिन्दी दिवस का महत्व क्या है?
उत्तर – हिन्दी हमारी राजभाषा होने के साथ-साथ हमारा राष्ट्र गौरव भी है, ये हमें राष्ट्रप्रेम की डोर में बांधती है, अपनी संस्कृति व सभ्यता पर गर्व करने का अवसर देती है।
प्रश्न – 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्तर – नागपुर में 10 जनवरी 1975 को पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित किया गया, इसीलिए 10 जनवरी को ही विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हमारे शब्द – Our Words
प्रिय पाठकों ! हमारे इस लेख (Hindi Diwas Essay in Hindi | हिन्दी दिवस पर निबंध | Hindi Diwas 2022 ) में Hindi Diwas Essay in Hindi के बारे में हमने आपको विस्तार से हर जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। हिन्दी दिवस से जुड़ी वृहत जानकारी आपको कैसी लगी ? यदि आप ऐसे ही अन्य लेख पढ़ना पसंद करते हैं तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमें अवश्य लिखें, हम आपके द्वारा सुझाए गए टॉपिक पर लिखने का अवश्य प्रयास करेंगे । दोस्तों, अपने कमेंट लिखकर हमारा उत्साह बढ़ाते रहें , साथ ही यदि आप को हमारा ये लेख पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रों के साथ शेयर अवश्य करें ।
अंत में – हमारे आर्टिकल पढ़ते रहिए, हमारा उत्साह बढ़ाते रहिए, खुश रहिए और मस्त रहिए।
जीवन को अपनी शर्तों पर जियें ।
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