दिवाली पर निबंध 2022 | Essay of Diwali in Hindi | Essay About Diwali in Hindi | Hindi Essay on Diwali

त्यौहारों और उत्सवों की धरती भारत में मनाए जाने वाले सभी उत्सव बड़े अनूठे और निराले हैं। हमारे देश में प्रत्येक ऋतु, प्रत्येक रिश्ते यहां तक कि फसलों के आगमन, और खुशहाली के लिए भी अलग-अलग त्यौहार मनाए जाते हैं। ऐसे ही अनोखे त्यौहारों में से अनुपम, अद्वितीय और रंग-बिरंगे प्रकाश से प्रकाशित एक उत्सव है…… दीपावली ।

जी हां दोस्तों…. सचमुच.. दीपावली पाँच ऐसे पर्वों का उत्सव है जो वास्तव में अपने आप में अनूठे हैं । दुनिया में ऐसा उदाहरण कहीं और नहीं मिलता। लगातार 5 दिन तक मनाए जाने वाले ये पाँच अति विशिष्ट हिन्दू पर्व हैं – धनतेरस, नर्क चतुर्दशी (छोटी दीवाली), दीपावली, गोवर्धन पूजा (अन्नकूट) तथा भाई दूज (यम द्वितीया)

ये पर्व-समूह सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक रूप से अति महत्वपूर्ण हैं। इनमें कहीं भाई-बहन का स्नेह छुपा है तो कहीं बाजारों की चहल-पहल और खरीदारी का आर्थिक पहलू भी छुपा है। कहीं घरों की साफ-सफाई और स्वच्छता का संदेश छुपा है तो कहीं मित्रों और रिश्तेदारों से मिलना-मिलाना, उपहार लेना-देना जैसी सामाजिक रीतियों का संदेश छुपा है, और फिर इसमें बम-पटाखों की धूम भी शामिल है। कुल मिलाकर हमारे देश में दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसे लगभग सभी लोग प्रेम, सौहार्द और उत्साह के साथ मनाते हैं।

दोस्तों ! आज हम दीपावली के इसी त्यौहार पर आपको दिवाली पर निबंध 2022 | essay of diwali in hindi | essay about diwali in hindi | Hindi Essay On Diwali लेख के माध्यम से निबंध लिखने के बारे में बताएंगे, स्कूल में परीक्षाओं में अक्सर दिवाली पर निबंध पूछा जाता है, आप हमारे इस लेख को पढ़कर दीपावली पर निबंध लिखने के बारे में जान सकेंगे। छात्र इस निबंध को पढ़कर छोटे-छोटे वाक्य बनाना सीख सकेंगे और अपनी हिंदी लिखने की कला में सुधार कर सकेंगे । तो आइए शुरू करते हैं Essay of Diwali in Hindi / Diwali Essay in Hindi

Table of Contents

दिवाली पर निबंध 2022 | Essay of Diwali in Hindi | Essay About Diwali in Hindi | Hindi Essay on Diwali

बिन्दु जानकारी
त्यौहार का नाम दीपावली
अन्य नाम दिवाली, दीपोत्सव
मनाने वाले अनुयायी हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध
आयोजन मिट्टी के दिये जलाना, घर की सजावट, आतिशबाजी, दावत, पूजा, उपहार व मिठाइयाँ लेना-देना
दिवाली से जुड़े अन्य त्यौहार धनतेरस, नर्क चतुर्दशी ( छोटी दिवाली), गोवर्धन पूजा, भाई दूज ( यम द्वितीया)
मनाने की तिथि कार्तिक मास की अमावस्या
मिलते-जुलते ( समान )पर्व दीपावली (जैन), काली पूजा, बंदी छोड़ दिवस
2022 में दिवाली की तारीख 24 अक्टूबर 2022, सोमवार
होम पेज यहाँ क्लिक करें

Hindi Essay On Diwali, diwali 2022, Why We Celebrate Diwali, essay of diwali in hindi, diwali in hindi essay, essay diwali in hindi, essay about diwali in hindi, diwali essay in hindi 10 lines, Diwali Essay in Hindi, essay on diwali in hindi, diwali in hindi, deepawali essay in hindi, deepawali 2022, why we celebrate diwali in hindi, on diwali in hindi, essay on diwali in hindi,

दीपावली पर निबंध, दिवाली पर निबंध, दीपावली पर निबंध हिंदी में, दीपावली पर निबंध 150 शब्द, दीपावली पर निबंध चाहिए, दीपावली पर निबंध चाहिए हिंदी में, दीपावली पर निबंध 10 लाइन, दीपावली पर निबंध 150 शब्द hindi, मेरा प्रिय त्योहार दीपावली पर निबंध, दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन,

प्रस्तावना- Introduction (Essay of Diwali in Hindi)

दीपावली हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस त्यौहार को लोग अत्यंत प्रसन्नता, उत्साह और धूमधाम के साथ मनाते हैं। इस त्योहार पर लोग मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं, जिससे घर में धन-धान्य, सुख और समृद्धि आती है। लोग अपने मित्रों और संबंधियों को मिठाई और उपहार देते हैं। दीपावली की रात को लक्ष्मी पूजन के बाद बच्चे और बड़े सभी आतिशबाजी का आनंद लेते हैं।

essay of diwali in hindi
Happy Diwali

दीपावली का अर्थ – Meaning of Deepawali

दीपावली शब्द का उद्भव संस्कृत भाषा के दो शब्दों से मिलकर हुआ है, दीपावली = दीप + आवली। इस शब्द-संधि में प्रथम शब्द ‘दीप’ का अर्थ है दीपक तथा द्वितीय शब्द ‘आवली’ का अर्थ है श्रृंखला। अतः दीपावली शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है दीपों की पंक्ति अथवा दीपों की श्रृंखला। दीपावली को एक दूसरे नाम दिवाली से भी जाना जाता है।

>> पति-पत्नी के प्रेम, विश्वास और समर्पण का त्यौहार करवा चौथ की सम्पूर्ण जानकारी

दिवाली का इतिहास – History of Diwali

हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम, 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करके और रावण का वध करने के बाद धर्मपत्नी सीता, अनुज लक्ष्मण तथा राम भक्त हनुमान के साथ इसी दिन अयोध्या वापस लौटे थे।दिवाली का त्यौहार दशहरा के लगभग 21 दिन बाद मनाया जाता है।

>>पढ़िये शक्ति और शौर्य की उपासना के पर्व दशहरा/विजयदशमी की सम्पूर्ण जानकारी

क्योंकि अमावस्या की रात गहन अंधकार की रात होती है अतः अयोध्या वासियों ने अपने प्रभु राम के आगमन की खुशी में अपने अपने घरों में साफ-सफाई करके रात्रि में उन्हें फूलों और दीपों से सजाकर भगवान राम का मार्ग दीपों की रोशनी से प्रकाशित कर दिया था, ताकि उन्हें आगमन में कोई परेशानी ना हो। तभी से हर साल कार्तिक कृष्ण पूर्णिमा को दीपावली के रूप में मनाने की परंपरा है ।

दिवाली कब है 2022 – Diwali Date ( Essay of Diwali in Hindi)

त्यौहार तारीख दिन
धनतेरस 22 अक्टूबर 2022 शनिवार
नर्क चतुर्दशी (छोटी दिवाली)23 अक्टूबर 2022 रविवार
दिवाली 24 अक्टूबर 2022 सोमवार
गोवर्धन पूजा (अन्नकूट)25 अक्टूबर 2022 मंगलवार
भाई दूज (यम द्वितीया)26 अक्टूबर 2022 बुद्धवार

दिवाली शुभ मुहूर्तDiwali Muhurt (Essay of Diwali in Hindi)

काल/मुहूर्त तारीख/समय
कृष्ण पक्ष की अमावस्या24 अक्टूबर सायं 05:28 बजे से 25 अक्टूबर सायं 04:19 बजे तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त  24 अक्टूबर शाम 06:54 से 08:16 बजे तक
कुल समय1 घंटा 22 मिनट
प्रदोष कालसायं 05:43 से 08:16 तक
वृषभ कालसायं 06:54 से 08:50 तक
अभिजीत मुहूर्त 24 अक्तूबर सुबह 11:19 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक
विजय मुहूर्त24 अक्टूबर दोपहर 01:36 बजे से 02:21 बजे तक

दिवाली पूजा सामग्री -Diwali Puja Samagri ( Essay of Diwali in Hindi)

दिवाली की पूजा के लिए सामग्री क्या होनी चाहिए, हम आपको बता रहे हैं हमारे लेख ‘दिवाली पर निबंध | essay of diwali in hindi | essay about diwali in hindi | Hindi Essay On Diwali’ में, तो आइए जानते हैं –

>> समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व शारदीय नवरात्रि के बारे में जानिए सम्पूर्ण जानकारी

  • चौकी
  • चौकी के लिए पीला या लाल कपड़ा
  • गणेश भगवान और माता लक्ष्मी की मूर्तियां या तस्वीर
  • पान, सुपारी
  • रोली
  • हल्दी
  • चंदन
  • कुमकुम
  • अक्षत
  • सरसों का तेल (दीपक के लिए)
  • साबुत नारियल
  • दीपक के लिए रूई की बाती
  • धूपबत्ती
  • पंचामृत
  • मिट्टी के दीपक
  • गंगाजल
  • आम के पत्ते
  • कलश
  • जल
  • फल
  • फूल
  • आरती की थाली
  • एक झाड़ू
  • दूर्वा घास
  • कपूर
  • कलावा
  • जनेऊ
  • दक्षिणा(रुपए)
  • खील
  • बताशे
  • खिलौने
  • मिठाई

>>माँ सरस्वती और बसंत ऋतु के आगमन को समर्पित बसंत पंचमी के त्यौहार पर निबंध

>>जानिए श्राद्ध पक्ष की पूजा विधि, इतिहास और महत्व की सम्पूर्ण जानकारी

दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा विधि – Diwali Lakshmi-Ganesh Puja Vidhi

मुख्य दिवाली के दिन शुभ-मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने का विधान है। Essay of Diwali in Hindi में आप जानेंगे कि दिवाली के लिए निम्न विधि विधान से पूजा करनी चाहिए-

  • दीपावली के समय पूरे घर की गहन सफाई करके हर जगह गंगाजल छिड़कना चाहिए।
  • पूजा वाले स्थान पर चौकी रखकर उस पर लाल सूती कपड़ा बिछाकर उस के बीचो बीच में एक मुट्ठी अनाज रखना चाहिए।
  • अनाज के ऊपर कलश को रखना चाहिए।
  • कलश में जल भरकर उसमें पुष्प, चावल के दाने, सुपारी तथा एक सिक्का डाल देना चाहिए।
  • कलश के मुँह पर आम के 5 पत्ते गोलाई में लगा देने चाहिए।
  • कलश के दाईं ओर गणेश भगवान की मूर्ति तथा बीच में माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।
  • एक थाली लेकर चावल का एक पहाड़ बनाकर, हल्दी से कमल का फूल बनाकर कुछ सिक्के डालकर उसे मूर्ति के सामने रखना चाहिए।
  • फिर अपने व्यापार का बहीखाता, पैसों की थैली तथा व्यवसाय से संबंधित अन्य वस्तुएं मूर्ति के पास रखें।
  • इसके बाद माता लक्ष्मी, गणेश भगवान तथा कलश पर तिलक लगाना चाहिए।
  • फिर गणेश भगवान और मां लक्ष्मी को फूल चढ़ाने के बाद,अपनी हथेली पर कुछ फूल व चावल रखें।
  • फिर अपनी आंखें मूंदकर दिवाली पूजा मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • तत्पश्चात हाथ में रखे फूल लक्ष्मी माता और गणेश भगवान को समर्पित करने चाहिए।
  • फिर लक्ष्मी माता की मूर्ति को जल से स्नान कराकर पंचामृत से स्नान कराना चाहिए, फिर गंगाजल से स्नान कराकर स्वच्छ कपड़े से पोंछना चाहिए।
  • मूर्ति को कुमकुम चावल और हल्दी समर्पित करें, और माता के गले में फूल माला पहनाकर धूप जलाएं।
  • फिर माता लक्ष्मी को पान सुपारी तथा नारियल समर्पित करना चाहिए।
  • पुरुवे ( मिट्टी का छोटा कलश ) में खील, बताशे और चीनी के बने खिलौने रखने चाहिए ।
  • लक्ष्मी माता की मूर्ति के सामने फूल और सिक्के रखकर थाली में दीपक रखकर घंटी बजाते हुए माता लक्ष्मी की आरती करनी चाहिए।

>> गणेश चतुर्थी लेख में पढिए पर्व को मनाने का कारण, इतिहास, महत्व और गणपति के जन्म की अनसुनी कथाएं

दिवाली क्यों मनाते हैं ?- why diwali is celebrated?

दीपावली का त्यौहार मनाने को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं उनमें से प्रमुख हम Essay of Diwali in Hindi लेख में यहां दे रहे हैं –

पहली कथा – (Essay of Diwali in Hindi)

अयोध्या के राजा दशरथ पुत्र भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद इसी दिन अयोध्या वापस लौटे थे, उन्हीं के आगमन की खुशी में समस्त अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया था, तभी से इस तिथि को दीपावली के रूप में मनाने की परंपरा प्रारंभ हुई।

दूसरी कथा –

एक बार एक ज्योतिषी ने एक राजा से कहा कि कार्तिक मास की अमावस्या की अर्धरात्रि को, सांप के रूप में तुम्हारा दुर्भाग्य आएगा वह तुम्हें डसेगा और तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी । यह सुनकर राजा ने अपने पूरे राज्य में मुनादी करवा दी कि सभी लोग अपने घरों व नगर को साफ़-स्वच्छ करें और पूरी रात नगर को रोशनी से प्रकाशित करके रखें।

भयभीत रानी पूरी रात सर्प देवता की पूजा अर्चना करती रही, परंतु होनी अटल थी, मध्य रात्रि में राजा के बिस्तर के पास का जलता हुआ दीपक अचानक बुझ गया और सर्प ने राजा को डस लिया । सर्प, रानी की प्रार्थना से प्रसन्न हुआ और उसने रानी से वर मांगने के लिए कहा, रानी ने वरदान में अपने पति के प्राण मांगे।

सर्प राजा के प्राण वापस लेने यमराज के पास पहुंचा, परंतु राजा की जीवन-बही देखने पर उसमें शून्य अंक दिखाई दिया, जिसका अर्थ था, मृत्यु लोक में राजा का जीवन पूर्ण हो चुका था। सर्प ने बड़ी चतुराई से 0 अंक के आगे 7 अंक लिख दिया।

>> पढिए भक्ति रस से सराबोर पर्व जन्माष्टमी का विस्तृत वर्णन

यमराज ने पत्र देखकर कहा लगता है इस मृत शरीर के मृत्यु लोक में अभी 70 साल और बाकी हैं, इसे वापस ले जाओ । सर्प राजा को वापस ले आया, राजा के पुनः जीवित हो जाने की खुशी में तभी से दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त इसी दिन भगवान महावीर स्वामी को निर्वाण प्राप्त हुआ था।

दीपावली का महत्व – Significance of Diwali

दिवाली हिंदुओं के सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस पर्व को न केवल हिन्दू बल्कि जैन, बौद्ध तथा सिख धर्म के लोग भी मनाते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करने और लंकापति रावण का वध करने के बाद जब अयोध्या वापस लौटे तब अयोध्या नगरी को उनके स्वागत में दीयों की रोशनी से प्रकाशित किया गया, तभी से दीपावली मनाई जाती है।

इस पर्व में तेल के दिये जलाने का बहुत महत्व है, इस प्रथा को अंधकार पर प्रकाश की विजय तथा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। लोग इस पर्व पर मुख्य द्वार पर रंगोली और मां लक्ष्मी की चरण पादुकायें आदि बनाते हैं जिससे उनके घर में मां लक्ष्मी का आगमन हो।

निष्कर्षतः हम यह कह सकते हैं कि हमारे जीवन में दिवाली का बहुत महत्व है, यह त्यौहार हमें अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है, साफ-स्वच्छता का संदेश देता है, तथा आपसी सौहार्द और सामाजिक एकता का प्रतीक है।

>>भगवान शिव के महापर्व महाशिवरात्रि से जुड़े रोचक तथ्य व त्यौहार की सम्पूर्ण जानकारी

दिवाली कब मनाई जाती है ? – When Diwali is Celebrated ?

दीपावली (Essay of Diwali in Hindi) हमारे देश का बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसके महत्व का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि हिंदू धर्म के लोगों का त्योहार होने के बावजूद, हमारे देश में लगभग हर धर्म के लोग इसे उत्साह पूर्वक मनाते हैं। दीपावली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। अमावस्या की रात अंधेरी रात होती है और ऐसी अंधेरी रात में दीपों का यह पर्व सचमुच अनोखा और नैसर्गिक प्रतीत होता है।

 दीपावली कैसे मनाई जाती है ? – How Diwali is Celebrated ?

Essay of Diwali in Hindi लेख में आप जानेंगे कि दीपावली के त्यौहार पर लोग कई दिन पहले से अपने घरों और दुकानों की गहन सफाई करते हैं, उन पर पेंट कराते हैं। दीपावली का त्यौहार मौसम परिवर्तन के समय आता है, इस समय विषैले विषाणु तथा मच्छर इत्यादि घरों में बहुतायत में पाए जाते है, अतः घर की सफाई करने से हम उनसे फैलने वाली बीमारियों से बच जाते हैं। अतः दीपावली का त्यौहार हमें सफाई एवं स्वच्छता का संदेश भी देता है।

दीपावली त्यौहार से पूर्व धनतेरस के दिन जो मुख्य रूप से खरीदारी का दिन माना जाता है, सभी लोग इस दिन मुख्य रूप से बर्तन या सोना चांदी के गहने खरीदते हैं। वैसे धनतेरस के दिन किसी भी चीज की खरीदारी को शुभ माना जाता है, अतः लोग इस दिन कपड़े, घरेलू साज-सज्जा का सामान, मिट्टी के दिये और अब वर्तमान जमाने के हिसाब से बदलते हुए खरीदारी के स्वरूप में लोग घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान तथा 2 पहिया वाहन और कार आदि की खरीदारी भी इसी दिन करना शुभ मानते हैं।

आजकल बाजारों में दीपावली के अवसर पर लाइटों समेत विभिन्न प्रकार के विदेशी सस्ते सामान भी उपलब्ध होते हैं, परंतु हमें खरीदारी करते हुए इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए कि, हमें विदेशी सस्ते सामान के स्थान पर स्वदेशी सामान खरीदना चाहिए, इसे हमारे स्वदेशी उद्योगों तथा देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है, सभी खरीदारी करते समय इस बात का ध्यान रखें, और स्वदेशी सामान ही खरीदें, जिससे हमारे देश का पैसा, हमारे ही देश में रहे।

>>पढ़िए शिक्षकों के सम्मान व स्वागत का दिन “शिक्षक दिवस” के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी, भाषण व निबंध

अन्य त्योहारों की भांति दीपावली के त्यौहार पर भी घरों में विशेष प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं। साथ ही माता लक्ष्मी जी के पूजन के लिए बाजार से चीनी से बने खिलौने, खीलें तथा बताशे इत्यादि लाये जाते हैं। मुख्य दीपावली के दिन सुबह से ही त्यौहार की तैयारियां होनी शुरू हो जाती है।

विभिन्न प्रकार से घरों को सजाया जाता है, घर के मंदिर को रात्रि में लक्ष्मी पूजा हेतु सजाया जाता है, मुख्य द्वार को विभिन्न प्रकार के फूल मालाओं से सजाया जाता है, घर में अलग-अलग स्थानों पर शुभ लाभ, तथा शुभ दीपावली लिखे हुए पोस्टर लगा कर सजाते हैं।

आजकल लोग दीपावली की सुबह सबसे पहले उठकर अपने मित्रों व रिश्तेदारों को मोबाइल पर दीपावली के शुभकामना संदेश भेजते हैं। मुख्य दीपावली के दिन लक्ष्मी माता की पूजा करने का विधान है। इनके साथ गणेश भगवान और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है, माना जाता है कि इन दोनों के बिना घर में लक्ष्मी मां प्रवेश नहीं करतीं । मां लक्ष्मी के पूजन से घर में सुख-संपत्ति, वैभव और संपदा का आगमन होता है।

दीपावली की शाम को अपने पूजा स्थल में साफ सफाई करके मिट्टी के दीपक सरसों का तेल भरकर जलाए जाते हैं, फिर परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर माता लक्ष्मी, गणेश भगवान की पूजा करते हैं, उसके बाद मुख्य द्वार , घर के अंदर, तथा छत पर मिट्टी के प्रकाशित दीपक रखे जाते हैं, उससे पहले घर के मुख्य द्वार को बिजली की झालर ( लाइट ) लगाकर सजाया जाता है।

घर को दीपक से सजाने के बाद फिर आतिशबाजी का दौर चलता है, परिवार के बच्चे और बड़े घरों की छत पर या खुले आंगन, मैदान में बम, पटाखे फोड़कर आनंद लेते हैं। घर के आंगन में फुलझड़ी, अनार, चरखी जलाने के बाद उनसे निकलने वाली रंग बिरंगी रोशनी देखकर सहज ही मन प्रफुल्लित होता है।

>> लगातार दो बार ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु की जीवनी, कैरियर, रिकॉर्ड, संघर्ष, उपलब्धियां व नेटवर्थ के बारे में जानिए

पाँच अनूठे पर्वों का त्यौहार है दिवाली –

जी हां दोस्तों…. सचमुच.. दीपावली पाँच ऐसे पर्वों का उत्सव है जो वास्तव में अपने आप में अनूठे हैं, आइए हम आपको दिवाली पर निबंध 2022 | Essay of Diwali in Hindi | Essay About Diwali in Hindi | Hindi Essay on Diwali लेख में बताते हैं इन पांचों त्यौहारों के अनोखे और अद्भुत रीति-रिवाज़ों के बारे में सबकुछ विस्तार से – 

1. धनतेरस – Dhanteras

धनतेरस दीपावली के पांच त्योहारों का पहला पर्व माना जाता है यह त्यौहार कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को तथा दीपावली से 2 दिन पहले मनाया जाता है। माता लक्ष्मीकुबेर भगवान धनतेरस के दिन ही समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे । धनतेरस को धनवंतरी त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि धनवंतरी समुद्र मंथन के समय हाथ में कलश लेकर जन्मे ( प्रकट हुए ) थे, इसीलिए इस दिन सोना चांदी के जवाहरात या बर्तन की खरीदारी को शुभ माना जाता है।

ऐसी मान्यता है कि धनवंतरी देव को पीतल की धातु बहुत पसंद है तथा चांदी कुबेर भगवान की प्रिय है, इसीलिए लोग धनतेरस के दिन पीतल के बर्तन या चांदी के सिक्के इत्यादि की खरीदारी करते हैं।

2. नर्क चतुर्दशी ( छोटी दीवाली ) – Narak Chaturdashi ( Chhoti Diwali )

नर्क चतुर्दशी या छोटी दिवाली पंच-पर्व श्रृंखला का दूसरा त्यौहार है । इसे छोटी दीवाली के ही नाम से जाना जाता है। इस पर्व के दिन प्रातः स्नान करके विधि विधान से पूजा करने वाले मनुष्य के समस्त प्राप्त धुल जाते हैं, और वे मोक्ष को प्राप्त होते हैं । नर्क चतुर्दशी की शाम को यमराज के लिए दीपदान करने की परंपरा है।

3. दीपावली – Deepawali

इस पर्व-श्रृंखला के तीसरे दिन दीपावली का मुख्य त्यौहार मनाया जाता है। दीपावली का दिन स्वयं सिद्ध मुहूर्त का दिन माना जाता है अर्थात दीपावली के दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है।

इस दिन माता महालक्ष्मी की पूजा करने से सुख, संपत्ति, पद, प्रतिष्ठा, वैभव तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। प्रदोष काल दीपावली के पूजन का प्रमुख समय माना जाता है। इसमें स्थिर लग्न को प्रधान माना जाता है।

>>   देश की बेटी, गोल्डन गर्ल मीराबाई चानू के संघर्ष व उपलब्धियों की गाथा

4. गोवर्धन पूजा या अन्नकूट – Goverdhan Puja/Annkoot

गोवर्धन पूजा इस पंच-पर्व श्रृंखला का चौथा त्यौहार है। यह मुख्य दीपावली के अगले दिन अर्थात कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है अनाज का ढेर।

दरअसल इस पर्व के दिन कई प्रकार के भोजन तैयार करके भगवान का भोग लगाया जाता है, और फिर प्रसाद के रूप में उस भोजन को वितरित किया जाता है। कई प्रकार के भोजन से भगवान का भोग लगाने की वजह से ही इस पर्व को अन्नकूट भी कहा जाता है।

इस त्यौहार का प्रारंभ द्वापर युग से हुआ था, इस पर्व के दिन लोग घर के आंगन को गाय के गोबर से लीप कर गोवर्धन नाथ भगवान ( भगवान श्री कृष्ण ) की अल्पना बनाते हैं, और उनकी पूजा अर्चना करते हैं। उसके बाद अन्नकूट का भोग गिरिराज को लगाते हैं।

5. भाई दूज अथवा यम द्वितीया – Bhai Dooj / Yam Dwitiya

दीपावली की पंच-पर्व श्रृंखला का पांचवा और अंतिम त्यौहार है भाई दूज। भाई दूज पर्व को यम-द्वितीया भी कहा जाता है । भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्रेम और स्नेह से परिपूर्ण पवित्र रिश्ते को समर्पित एक और भारतीय त्यौहार है। भाई बहन के प्रेम को प्रदर्शित करने वाला यह त्यौहार लगभग रक्षाबंधन जैसा ही त्यौहार है।

इस दिन बहनें अपने भाइयों के घर जाती हैं, उनके माथे पर मंगल टीका लगाकर उन्हें गोला ( सूखा नारियल) और मिठाई देती है, तथा उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करती हैं । भाई भी अपनी बहनों को उपहार और शगुन ( रुपये ) देते हैं।

भाई दूज का पर्व मनाने के संबंध में इससे जुड़ी एक कथा प्रचलित है जो Essay of Diwali in Hindi में आपको बताएंगे –

सूर्य देव तथा उनकी धर्मपत्नी छाया के घर में 2 बच्चों का जन्म हुआ, पुत्र यमराज तथा पुत्री यमुना। विवाह के पश्चात यमुना अपने भाई से ज़िद किया करती थी कि वह उसके घर पर आकर भोजन करें। परंतु व्यस्तता के कारण यमराज ऐसा नहीं कर पाते थे।

एक बार कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन अचानक द्वार खोलने पर सामने यमराज को खड़ा देख यमुना प्रसन्नता से भाव-विभोर हो गई। उसने अपने भाई का प्रेम पूर्वक आदर सत्कार किया और उसे खुशी-खुशी भोजन कराया।

तब यमराज ने प्रसन्न होकर यमुना को वर मांगने के लिए कहा , तब यमुना ने कहा कि आप हर साल इसी दिन मेरे घर आकर भोजन किया करें, साथ ही आज के दिन जो भी बहन अपने भाई का टीका करके उसे भोजन कराएगी उसे आपका ( यमराज ) भय न रहे।

यमराज तथास्तु कहकर वहां से चले गए। तभी से यह मान्यता प्रचलित है कि जो भाई कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना में स्नान करके अपनी बहनों का आतिथ्य स्वीकार कर भोजन ग्रहण करते हैं उन भाइयों और बहनों को यमराज का भय नहीं रहता। 

>>भाई-बहन के प्रेम, स्नेह का प्रतीक रक्षा बंधन के त्यौहार पर निबंध

>>जानिए सिक्खों का प्रमुख पर्व लोहड़ी, महत्व, इतिहास और सम्पूर्ण जानकारी

दीपावली से जुड़ी कुछ बुराइयां – Evils Related to Diwali

Essay of Diwali in Hindi में आपको बता रहे हैं कि दिवाली के पर्व पर कुछ लोग गलत चीजों में संलिप्त रहते हैं। लोग दीपावली के दौरान जुआ खेलना, मदिरापान करना, झगड़े करना आदि बुरे कर्म करते हैं जिससे पवित्र त्यौहार की गरिमा को ठेस लगती है। हमें हमेशा इस तरह के कार्यों से दूर रहना चाहिए, साथ ही दूसरे लोगों को भी ऐसा ना करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

देश के विभिन्न राज्यों में दीपावली के स्वरूप – Diwali in Various States

Essay of Diwali in Hindi के माध्यम से आप जान पाएंगे अन्य राज्यों में दिवाली कैसे मनाई जाती है ।

पंजाब में दिवाली – ऐसा माना जाता है कि 1577 में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी जाने के कारण इस दिन को दिवाली के रूप में मनाया जाता है, साथ ही सिक्खों के गुरु श्री हरगोविंद सिंह जी को जेल से इसी दिन आजाद किया गया था।

0 बंगाल तथा उड़ीसा में दीपावली – इन राज्यों में दीपावली त्यौहार को अलग संदर्भ में मनाया जाता है, यहां मान्यता है कि माता शक्ति के रूप में इस दिन माता ने महाकाली का रूप धारण किया था। इन राज्यों में दीपावली के मौके पर माता लक्ष्मी की नहीं अपितु मां काली की पूजा की जाती है।

आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में दिवाली – इन दो राज्यों में दीपावली मनाने का एक बिल्कुल अलग ही कारण है, यहां लोगों का मानना है कि द्वापर युग में इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था, जिसकी खुशी में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।

अन्य देशों में भी मनाई जाती है दीपावली- Diwali in Other Countries

Essay of Diwali in Hindi के माध्यम से आप जान पाएंगे अन्य देशों में भी दिवाली कैसे मनाई जाती है ।

नेपाल में दीपावली – नेपाल में दीपावली के त्यौहार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं, दरअसल यहां दीपावली के दिन ही अपना नया साल मनाते हैं। लोग दीपावली की शाम को घरों में दीपक जलाते हैं तथा बधाई देने एक दूसरे के घर जाते हैं।

दीपावली को नेपाल में ‘तिहार’ या ‘स्वन्ति’ के नाम से भी जानते हैं, यहां भी यह त्यौहार 5 दिनों तक मनाते हैं। नेपाली लोग इस पर्व पर पशु पक्षियों को खाना खिलाने तथा दान-धर्म का कार्य करते हैं।

मलेशिया में दीपावली – मलेशिया में दीपावली के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। दरअसल इस देश में हिंदुओं की संख्या काफी अधिक है, इस दिन लोग अपने घरों में धूमधाम से उत्सव मनाते हैं, और सेलिब्रेशन करते हैं, वे इस सेलिब्रेशन में मलेशिया के लोकल लोगों को भी शामिल करते हैं, और सामाजिक सद्भावना प्रदर्शित करते हुए इस त्योहार को मनाते हैं।

श्रीलंका में दीपावली – श्रीलंका के लोग दीपावली के दिन सुबह जल्दी उठकर तेल से स्नान करते हैं। मंदिर में जाकर पूजा करते हैं। इसके अलावा यहां के लोग भोज, नाच-गाना तथा आतिशबाजी और विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन करते हैं।

अमेरिका में दिवाली – क्योंकि अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या बहुत अधिक है इसलिए वहां पर भी दिवाली का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह भी गौरव की बात है कि 2003 में अमेरिका में पहली बार व्हाइट हाउस में दिवाली का त्यौहार मनाया गया। और इसके बाद अमेरिका ने जैसे इस त्यौहार को ही अपना लिया।

सिंगापुर में दिवाली – सिंगापुर में भी दिवाली के अवसर पर सरकारी अवकाश होता है। सिंगापुर में भारतीय तमिल अधिक संख्या में रहते हैं वे लोग इस त्यौहार को बड़े हर्षोल्लास से मनाते हैं। यहां के बाजारों में दिवाली के दिन भारतीय बाजारों जैसी रौनक दिखती है।

मॉरीशस में दिवाली – मॉरीशस में हिंदू रीति रिवाज और संस्कृति खूब देखने को मिलती है क्योंकि इस देश में लगभग 44% भारतीयों की आबादी है । यहां लोग हिंदी भाषा भी बोलते हैं, तथा दीपावली के दिन मॉरीशस में भी सार्वजनिक अवकाश होता है। यहां भी लोग दीपावली को धूमधाम से मनाते हैं।

>>देश का गौरव भाला फेंक एथलीट, ओलंपिक 2021स्वर्ण पदक विजेता, नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय

दिवाली पर निबंध 10 लाइन – 10 lines on diwali in hindi

Essay of Diwali in Hindi में पढ़ें 10 lines on diwali in hindi

  • दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है।
  • माना जाता है कि भगवान राम इस दिन 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करके अयोध्या वापस लौटे थे।
  • भगवान राम के अयोध्या वापस लौटने की खुशी में अयोध्या वासियों ने पूरे नगर को साफ-स्वच्छ करके दीप जलाकर प्रकाशित किया था, और उस दिन को दिवाली के रूप में मनाया गया।
  • हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है, परंतु अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह अक्टूबर या नवंबर में होती है।
  • दीपावली आगमन पर लोग घरों में सफाई करते हैं, घरों को लाइटों तथा दीपक जलाकर प्रकाशित करते हैं, खरीदारी करते हैं, आतिशबाजी जलाते हैं, और अपने सभी संबंधियों को मिठाइयां बांटते हैं ।
  • दीपावली की शाम माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की विशेष पूजा की जाती है।
  • पूजा के बाद अपने घर, दुकान आदि स्थानों पर दीपक सजाए जाते हैं।
  • उसके बाद परिवार के बच्चे और बड़े सभी मिलकर आतिशबाजी का आनंद लेते हैं।
  • दीपावली का त्यौहार इसलिए भी खास है क्योंकि यह 5 दिन लंबा चलने वाला पांच त्योहारों का पर्व-समूह है।
  • दीपावली हमारे देश का एक ऐसा अनोखा पर्व है जिसकी छटा बड़ी निराली है, इसी कारण इसे लगभग सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर सौहार्दपूर्ण ढंग से मनाते हैं।

उपसंघार -Conclusion (Essay of Diwali in Hindi)

दीपावली हिंदू धर्म के लोगों के प्रमुख पर्वों में से एक है। वास्तव में यह त्योहार अमावस की काली रात को प्रकाशित करने की क्षमता रखता है। न सिर्फ भारत बल्कि आधी दुनिया दिवाली की रात को दीयों की रोशनी से प्रकाशित हो जाती है।

घर, दुकानें , प्रतिष्ठान, बाजार, दफ्तर हर जगह दिवाली के दिन खूब सजावट होती है, रात में लोग बम पटाखे जलाते हैं, सारा आकाश खूबसूरत रोशनी से जगमगा उठता है। यह त्यौहार हमें स्वच्छता, भाईचारा और सामाजिक समरसता का संदेश देता है।

अतः हमारा भी यह कर्तव्य बनता है कि हम इसको इसके मूल स्वरूप में ही मनाएं, तथा गलत कार्यों से इसके स्वरूप को न बिगाड़ें ।

>>कौन हैं ऋषि सुनक ? Rishi Sunak Biography in Hindi

FAQ Related to Essay of Diwali in Hindi

प्रश्न- दीपावली 2022 में कब है ?

उत्तर – 24 अक्टूबर, 2022, सोमवार

प्रश्न – दीपावली का त्यौहार कब और क्यों मनाया जाता है?

उत्तर – दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह पर्व भगवान राम के द्वारा 14 वर्ष का बनवास पूर्ण करके अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है।

प्रश्न – दीपावली कैसे मनाएं विषय पर अपने विचार लिखिए 100 से 150 शब्दों में

उत्तर – ऊपर दिए गए हमारे लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पूरा पढ़िए और फिर दीपावली कैसे मनाएं विषय पर आप अवश्य ही निबंध लिख सकेंगे।

प्रश्न – दीपावली का पर्व क्यों मनाया जाता है?

उत्तर – यह पर्व भगवान राम के द्वारा 14 वर्ष का बनवास पूर्ण करके अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है।

प्रश्न – दीपावली का क्या अर्थ है

उत्तर – दीपावली शब्द का उद्भव संस्कृत भाषा के दो शब्दों से मिलकर हुआ है, दीपावली = दीप + आवली। इस शब्द-संधि में प्रथम शब्द ‘दीप’ का अर्थ है दीपक तथा द्वितीय शब्द ‘आवली’ का अर्थ है श्रृंखला। अतः दीपावली शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है दीपों की पंक्ति अथवा दीपों की श्रृंखला।

प्रश्न –दीपावली पर किसकी पूजा की जाती है?

उत्तर – माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की।

प्रश्न –दीपावली के 5 दिनों को क्या कहते हैं?

उत्तर – धनतेरस, नर्क चतुर्दशी (छोटी दीवाली), दीपावली, गोवर्धन पूजा (अन्नकूट) तथा भाई दूज (यम द्वितीया) ।

प्रश्न –दीपावली उत्सव की शुरुआत किसने की?

उत्तर – पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस को इसी दिन पराजित किया और उसका वध किया था और अपने राज्य के लोगों को उसकी कैद से मुक्त किया था, और इस दिन को उत्सव घोषित किया था।

प्रश्न – दीपावली का प्राचीन नाम क्या है ?

उत्तर – दीपोत्सव

हमारे शब्द – Our Words About Essay of Diwali in Hindi

दोस्तों ! आज के इस लेख दिवाली पर निबंध 2022 | essay of diwali in hindi | essay about diwali in hindi | Hindi Essay On Diwali में हमने आपको Hindi Essay On Diwali के बारे में वृहत जानकारी उपलब्ध कराई है , हमें पूर्ण आशा है कि आपको Essay of Diwali in Hindi की यह जानकारी और यह लेख अवश्य पसंद आया होगा। यदि आप में से किसी भी व्यक्ति को इस लेख से संबंधित कुछ जानकारी अथवा सवाल पूछना हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं।

मित्रों ! आपको हमारे लेख तथा उनसे संबंधित विस्तृत जानकारी कैसी लगती है इस बारे में हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखते रहें, दोस्तों जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि आपकी समालोचना ही हमारी प्रेरणा है। अतः कमेंट अवश्य करें।

अंत में – हमारे आर्टिकल पढ़ते रहिए, हमारा उत्साह बढ़ाते रहिए, खुश रहिए और मस्त रहिए।

ज़िंदगी को अपनी शर्तों पर जियें ।

अस्वीकरण – Disclaimer

इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी, सामग्री या गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की जिम्मेदारी sanjeevnihindi.com की नहीं है। ये जानकारी हम विभिन्न माध्यमों, मान्यताओं, ज्योतिषियों तथा पंचांग से संग्रहित कर आप तक पहुंचा रहे हैं। जिसका उद्देश्य मात्र आप तक सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे केवल सूचना की तरह ही लें। इसके अलावा इसके किसी भी प्रकार के उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

>>Pradhanmantri Sangrahalaya in Hindi | प्रधानमंत्री संग्रहालय उद्घाटन 2022

>>Biography of Virat Kohli  “The Aggressive Captain”  in Hindi |भारतीय क्रिकेट के पूर्व आक्रामक कप्तान विराट कोहली का जीवन परिचय

>>सोशल मीडिया सनसनी उर्फी जावेद का जीवन परिचय, Urfi Javed Biography in Hindi

>> Uttarakhand GK in hindi | उत्तराखंड सामान्य ज्ञान श्रृंखला भाग 1

>>भारत के अंतिम व महान पराक्रमी हिन्दू राजा पृथ्वीराज चौहान का जीवन परिचय, इतिहास | The Last Indian Hindu King Prithviraj Chauhan Biography in Hindi, History

>> जानिए महान संत कवि कबीर दास जी के जीवन व रचनाओं के बारे में सविस्तार जानकारी, kabir das ka jivan parichay in hindi

>>जानिए महान भक्त कवि सूरदास जी के जीवन व रचनाओं के बारे में सविस्तार जानकारी, surdas ka jivan parichay

>>एक शिक्षिका से राष्ट्रपति तक का सफर, जानिए द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय में

>> पूर्व भारतीय महिला क्रिकेट कप्तान मिताली राज का जीवन परिचय | Mithali Raj Biography In Hindi

>>फिल्म इंडस्ट्री के चॉकलेटी बॉय रणबीर कपूर का जीवन परिचय, आनेवाली फिल्में, नेटवर्थ, Ranbir Kapoor Biography in Hindi

देखिए विशिष्ट एवं रोचक जानकारी Audio/Visual के साथ sanjeevnihindi पर Google Web Stories में –

>आपको जरूर जानने चाहिए पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ व्रत के ये नियम

>गुप्त नवरात्रि 2022 : इस दिन से हैं शुरू,जानें-घट स्थापना,तिथि,मुहूर्त

>क्या आप जानते हैं? लग्जरी कारों का पूरा काफ़िला है विराट कोहली के पास

>प्रधानमंत्री संग्रहालय : 10 आतिविशिष्ट बातें जो आपको जरूर जाननी चाहिए

>शार्क टैंक इण्डिया : क्या आप जानते हैं, कितनी दौलत के मालिक हैं ये शार्क्स ?

>हिटमैन रोहित शर्मा : नेटवर्थ, कैरियर, रिकॉर्ड, हिन्दी बायोग्राफी

>चैत्र नवरात्रि 2022 : अगर आप भी रखते हैं व्रत तो जान लें ये 9 नियम

>IPL 2022 : जानिए, रोहित शर्मा का IPL कैरियर, आग़ाज़ से आज़ तक

>चैत्र नवरात्रि : ये हैं माँ दुर्गा के नौ स्वरूप

>झूलन गोस्वामी : चकदाह से ‘चकदाह-एक्सप्रेस’ तक

>शहीद-ए-आज़म भगत सिंह का क्रांतिकारी जीवन

>2 नहीं 4 बार आते हैं साल में नवरात्रि

28 thoughts on “दिवाली पर निबंध 2022 | Essay of Diwali in Hindi | Essay About Diwali in Hindi | Hindi Essay on Diwali”

Leave a Comment

error: Content is protected !!