“सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।
देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-क़ातिल में है।।”
15 अगस्त 1947…… भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम दिन। यही वह दिन है जब हमारा देश अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ। जी हाँ…… यही वह दिन था जब भारत अंग्रेजों की लगभग 200 वर्षों की पराधीनता के बाद अपने जियाले सपूतों की कुर्बानी और संघर्ष के परिणाम स्वरूप स्वाधीनता का सूरज देख रहा था।
हर साल स्वतंत्र दिवस के अवसर पर स्कूल, कॉलेजों में 15 अगस्त पर भाषण और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
दोस्तों, आज हम अपने इस लेख Essay on Independence Day in Hindi | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध के माध्यम से आपको स्वतंत्रता दिवस पर निबंध कैसे लिखें, के बारे में बताएंगे।
परीक्षा और विभिन्न प्रतियोगिताओं में आपको Independence Day Essay in Hindi लिखने में यह लेख सहायक सिद्ध होगा। तो आइए शुरू करते हैं-
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण, 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में – Essay on Independence Day in Hindi
दिवस का नाम | स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) |
देश स्वतंत्र होने की तारीख | 15 अगस्त 1947 |
हर वर्ष मनाने की तारीख | 15 अगस्त |
पर्व का प्रकार | राष्ट्रीय पर्व |
पर्व का महत्व | देश की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता-सेनानियों को याद रखना व श्रद्धांजलि अर्पित करना |
स्वतंत्रता दिवस सबसे पहली बार मनाया गया | 26 जनवरी 1930 में |
2023 में स्वतंत्रता दिवस है | 77 वां |
2023 में स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ है | 76 वीं |
पर्व मनाने का तरीका | प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर ध्वजारोहण, राष्ट्र को संबोधन, परेड, राष्ट्रगान व देश भक्ति गीत आदि |
प्रस्तावना –
15 अगस्त 1947 को भारत ने अंग्रेजों की 200 वर्षों की दासता से मुक्त होकर स्वतंत्र हवा में सांस ली। हमारे देश के तीन प्रमुख राष्ट्रीय पर्वों में से स्वतंत्रता दिवस एक प्रमुख राष्ट्रीय पर्व है। वर्षों से अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचार सहने के बाद इसी दिन हमारे देश को आजादी मिली।
परंतु यह आजादी हमें आसानी से नहीं मिली, इसे पाने के लिए भारत मां के अनगिनत सपूतों ने वर्षों तक संघर्ष किया और अपने प्राणों की आहुति दी, तब कहीं जाकर भारतीयों को यह गौरवमयी दिन देखने को मिला।
इसीलिए हम इस आजादी के महत्व को समझते हुए प्रतिवर्ष 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस को धूमधाम से मनाते हैं।
इस दिन पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश रहता है और देश के प्रत्येक कार्यालय, विद्यालय और संस्थाओं में तिरंगा ध्वज फहराकर भारतीय स्वतंत्रता का जश्न मनाया जाता है।
और विभिन्न प्रकार के समारोह आयोजित किए जाते हैं। इसी दिन देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रध्वज फहराया जाता है और समारोह का आयोजन होता है।

2023 का स्वतंत्रता दिवस – Independence Day 2023
इस वर्ष अर्थात 2023 में हमारा देश आजादी की 76 वीं वर्षगांठ और 77 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है।
हालांकि इस अवसर पर हर साल देश के प्रधानमंत्री लाल किले से देश की जनता को संबोधित करते हैं परंतु इस संदर्भ में इस साल का स्वतंत्र दिवस कुछ अलग है।
क्योंकि इस बार देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश की जनता से ट्वीट करके सुझाव मांगे हैं कि वह बताएं कि प्रधानमंत्री इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किस विषय पर भाषण दे।
और देश की जनता लगातार उन्हें अलग-अलग विषय पर अपने विचार रखने के लिए सुझाव दे रही है।
स्वतंत्रता दिवस का सुनहरा इतिहास – Independence Day History
हमारे देश का इतिहास सदियों पुराना है। प्राचीन काल से पूरे विश्व में हमारा देश सोने की चिड़िया के नाम से प्रसिद्ध रहा है। भारत की समृद्धि, संपन्नता पूरे विश्व में प्रसिद्ध थी।
इसी से प्रेरित होकर हमारे देश पर कई विदेशी आक्रमणकारियों ने आक्रमण किए, उनमें से कुछ लूटमार करके वापस अपने देश चले गए जबकि कुछ आताताई यहीं बस गए।
लंबे समय तक हमारे देश में रहने के दौरान वह हमारी सभ्यता, संस्कृति और खानपान में इस प्रकार रच बस गए मानो यहीं के मूल निवासी हों।
आरंभिक दौर में कुछ अन्य आक्रमणकारियों के बाद हमारे देश में मुगलों का आगमन हुआ जिन्होंने एक लंबे समय तक भारत पर शासन किया।
फिर 18 वीं सदी में अंग्रेज व्यापार के बहाने भारत आए, और धीरे-धीरे अंग्रेजों ने भारत पर अपना शासन कायम किया। भारतीय इतिहास में अंग्रेजी हुकूमत का दौर एक दुःस्वपन के समान था।
अंग्रेजों ने हमारे ही देश में रहकर देश की जनता का बुरी तरह शोषण किया और उन पर क्रूरतम अत्याचार किए।
अंग्रेज भारतीय लोगों से मनमाना लगान वसूलते और उन पर अत्याचार करते थे, विरोध करने की दशा में भारतीय लोगों को पाशविक तरीकों से मारा-पीटा जाता था, और जेल में डाल दिया जाता था। उनके पाशविक कृत्यों का क्रूरतम उदाहरण जलियांवाला बाग हत्याकांड है।
हालांकि अपनी हुकूमत के दौरान अंग्रेजों ने हमारे देश के लोगों पर अंतहीन अत्याचार किये, परंतु भारत मां के सपूतों ने उनके हर अत्याचार का सामना किया और विरोध किया।
हमारे देश के वीर क्रांतिकारियों ने हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया और आजादी की लड़ाई को जारी रखा।
इसी का नतीजा था कि क्रूर अंग्रेज हुक्मरानों को हमारा देश छोड़कर भागना पड़ा। 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो ने हमारे देश को स्वतंत्र घोषित कर दिया और भारत की सत्ता की बागडोर भारतीय नेताओं को सौंप कर वे अपने देश वापस चले गए।
हमारा स्वर्णिम इतिहास भारतीय रणबांकुरों के अदम्य साहस और संघर्ष से भरा हुआ है उसी के बल पर आज हम आजाद देश की हवा में सांस ले रहे हैं।
हर भारतीय के लिए यह दिन एक खास महत्व रखता है इसीलिए हम अपने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day in Hindi) को प्रतिवर्ष पूरे हर्षोल्लास से मानते हैं।
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भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं –
यहाँ हम आपको सरल रूप से समझने के दृष्टिकोण से भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं बता रहे हैं –
अंग्रेजों का भारत में प्रवेश-
अंग्रेज व्यापार के बहाने भारत आए 17 वी शताब्दी में जब अंग्रेज भारत आए तो भारत में मुगलों का शासन था भारत प्राचीन काल से ही सोने की चिड़िया कहलाता था।
भारत की संपन्नता के बारे में सारी दुनिया जानती थी इसी से प्रेरित होकर यूरोप के कई देशों के लोगों ने भारत की ओर रुख किया भारत में अंग्रेजों ने व्यापार करने के साथ-साथ धीरे-धीरे अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाया और यहां की परिस्थितियों का फायदा उठाया।
उन्होंने देखा राजपूत राजाओं में एकता नहीं थी वह छोटी-छोटी बातों पर आपस में लड़ाई-झगड़ा करते थे अतः उन्होंने इसी बात का फायदा उठाते हुए राजपूत राजाओं को आपस में लड़ा कर धीरे-धीरे भारत में छोटे-छोटे क्षेत्रों पर अपना अधिकार करना शुरू किया।
फिर उन्होंने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की और धीरे-धीरे ‘फूट डालो और शासन करो’ की नीति अपनाते हुए लगभग संपूर्ण भारत पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया।
पराधीन भारत का आगाज़ –
अंग्रेजों ने धीरे-धीरे अपनी नीति के द्वारा संपूर्ण भारत पर अपना शासन स्थापित कर लिया और अब भारत एक पराधीन देश की तरह था जिसमें दूसरे देश के लोग (अंग्रेज) अपना शासन चला रहे थे और उनके द्वारा हमारे देश की जनता को प्रताड़ित किया जाता था।
भारतीयों पर अंग्रेजों के अत्याचार-
वे देश की जनता से मनमाना कर वसूलते, उन पर अत्याचार करते, बिना वजह बताए किसी भी भारतीय को जेल में डाल देते।
जलियाँवाला बाग हत्याकांड की अमानवीय घटना भारतीयों पर अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचारों का ही एक क्रूर उदाहरण थी। भारतीय अपने ही देश में गुलाम बन चुके थे और भारत एक पराधीन राष्ट्र।
अंग्रेजों के विरुद्ध भारत की जनता का असंतोष –
देश की जनता पर अंग्रेजों के अत्याचार बढ़ते ही जा रहे थे, भारतीय इन अत्याचारों को अब और सहन नहीं कर सकते थे, देश में जगह-जगह अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारतीय जनता का असंतोष बढ़ता ही जा रहा था।
स्वतंत्रता सेनानियों व देश के लीडर्स के प्रतिनिधित्व में जनता अपना रोष प्रकट करने लगी थी। यहाँ तक कि यह असंतोष भारतीय सैनिकों में भी पनप रहा था।
जिसका एक उदाहरण 1857 का सैनिक विद्रोह था। जब बैरकपुर छावनी में मंगल पांडे ने अंग्रेज अधिकारी का हुक्म मानने से इनकार कर दिया तो तोप के आगे बांधकर उसकी हत्या कर दी गयी।
1857 का सैनिक विद्रोह मंगल पांडे की हत्या के बाद देश को आजाद कराने के लिए एक क्रांति की चिंगारी बनकर पूरे देश में फैल चुका था। लखनऊ, कानपुर, ग्वालियर, मेरठ, दिल्ली, झांसी के साथ-साथ पूरे देश में क्रांति की ज्वाला भड़क उठी थी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना –
28 दिसंबर 1885 को मुंबई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। कांग्रेस के संस्थापक ए0ओ0 ह्यूम (एलन ऑक्टोवियन ह्यूम) थे। इनके अतिरिक्त दादाभाई नरोजी ने भी कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के बाद देश में आजादी के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों में इजाफा हुआ और बहुत से लोग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के बाद देश में कई और राष्ट्रीय दलों की स्थापना की गई इनमें प्रमुख रूप से ‘मुस्लिम लीग’ भी शामिल थी।
अंग्रेजी हुकूमत से आजादी की मांग ने जोर पकड़ा –
क्रूर गोरी सरकार के अत्याचारों के विरुद्ध भारतीयों का बढ़ता असंतोष अब धीरे-धीरे आंदोलनों का रूप लेता जा रहा थाा।
जिनमें महात्मा गाँधी के नेतृत्व में हुए असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक कानून, भारत छोड़ो आंदोलनों ने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया और गोरी सरकार के पैर उखाड़ दिए।
आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका –
देश की आजादी के लिए भारत माँ के लाडलों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और भारत माँ को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुतियाँ दीं।
इन स्वतंत्रता सेनानियों में सर्वप्रमुख महात्मा गांधी का नाम आता है। उन्होंने क्रूर फिरंगियों को अपने सत्य और अहिंसा के बल पर झुकने पर मजबूर कर दिया। गांधीजी ने अंग्रेजों के विरुद्ध अहिंसा को हथियार बनाते हुए कई आंदोलन चलाए।
जैसे- सविनय अवज्ञा, असहयोग, नमक आंदोलन (डांडी यात्रा) और अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन आदि। इन सभी आंदोलनों के बल पर उन्होंने अंग्रेजी शासन को देश से उखाड़ फेंका।
महात्मा गाँधी के अतिरिक्त ऐसे देशभक्तों की सूची बड़ी लम्बी है जिन्होंने अपने-अपने तरीके से देश के स्वाधीनता संग्राम में अपना योगदान दिया।
इनमें प्रमुख हैं- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह,राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, लाल लाजपतराय, बटुकेश्वर दत्त, मंगल पांडे, अशफाक़उल्ला खाँ आदि।
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने भारत माँ को आजाद कराने के लिए हँसते-हँसते फांसी के फंदे को अपने गले में डाल लिया।
हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख, ईसाई सभी ने एकजुट होकर देश को आजादी दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी और अपना अमूल्य योगदान दिया।
आखिर भारत को मिली आजादी –
देश के स्वतंत्रता सेनानियों और देशभक्तों की अनगिनत कुर्बानियों के दम पर आखिर अंग्रेजों को हमारा देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा और 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को हमारा देश एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया।
और देशवासियों ने वर्षों बाद आजाद हवा में सांस ली। तभी से हम हर वर्ष 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं।
भारत का बँटवारा और सांप्रदायिक दंगों का दौर –
15 अगस्त 1947 को देश आजाद तो हुआ, परंतु उससे पहले 14 अगस्त की मध्य रात्रि को देश का विभाजन कर दिया गया और एक और नये देश का जन्म हुआ, वह था पाकिस्तान।
अंग्रेजों की नीति के कारण देश के आजाद होने तक, जो हिंदू मुस्लिम पूरी एकजुटता के साथ देश को आजाद करने के लिए संघर्ष कर रहे थे, वे अब एक दूसरे के शत्रु बन चुके थे। अंग्रेजों की कूटनीति के कारण देश का विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ था।
यह तय किया गया था कि हिंदू या मुस्लिम स्वेच्छा से जिस देश में भी रहना चाहते हैं वहां रह सकते हैं अतः 72 लाख 26 हजार मुस्लिम भारत से पाकिस्तान गए और 72 लाख 49 हजार हिंदू और सिख धर्म के लोग पाकिस्तान से भारत आए।
इसी बीच हिंदू मुस्लिम दंगे शुरू हो गए उन दंगों में लाखों लोगों की हत्या कर दी गई मरने वाले लोगों में दोनों धर्म के लोग शामिल थे।
यह एक बहुत ही हृदय विदारक घटना थी जिसने देशवासियों की देश के आजाद होने से होने वाली खुशी को भी रंज में बदल दिया।
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15 अगस्त को मनाते हैं हम आजादी का जश्न/स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है –
हमारा देश अंग्रेजी हुकूमत की 200 वर्षों की दासता के बाद भारतीय सपूतों की कुर्बानी के बाद 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। तभी से हम अपने देश में इस दिन आजादी का जश्न मनाते हैं।
पूरे देश में इस दिन को पूरे हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है। सभी स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों और निजी संस्थानों में ध्वजारोहण किया जाता है, राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देकर राष्ट्रीय गान गाया जाता है। कई प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम किये जाते है और मिष्ठान वितरण किया जाता है।
15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वजारोहण करते हैं। इस मौके पर पूरे देश में अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं की जाती है।
स्वतंत्रता दिवस समारोह पर सुरक्षा संबंधी खतरे –
हालांकि 15 अगस्त को प्रतिवर्ष हमारे देश में जगह-जगह स्वतंत्रता समारोह मनाया जाता है। मुख्य रूप से यह समारोह दिल्ली में लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण और सेनाओं की परेड के साथ संपन्न किया जाता है जिसे लाखों की संख्या में देखने के लिए लोग पहुंचते हैं।
ऐसे में इस समारोह के अवसर पर विभिन्न प्रकार के सुरक्षा संबंधी खतरे भी होते हैं, कई बार कुछ आतंकवादी संगठनों ने स्वतंत्रता समारोह के मौके पर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की धमकी दी है।
जिस कारण इस समारोह के अवसर पर जश्न के साथ-साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त भी किया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस का महत्व – Significance of Independence Day
स्वतंत्रता दिवस हम भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण दिवस है, इस दिन का हमारे जीवन में खास महत्व है, क्योंकि यह वह दिन है जब देश को आजादी मिली और देश के हर नागरिक ने आजाद हवा में सांस ली।
क्योंकि आजादी एक ऐसा जज्बा है जिसे इंसान तो क्या पशु पक्षी भी प्यार करते हैं। इस दिन को याद करना आजादी के उस जज्बे को जीने के समान है जो हम सभी को प्रिय है।
स्वतंत्रता दिवस को मनाने के बहाने हम अपने उन वीर सपूतों को भी याद करते हैं जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और हमें आजाद हवा में सांस लेने का मौका दिया।
यह दिन हमें अपने देश, राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक और अपनी राष्ट्रीय धरोहर को प्रेम करना सिखाता है इसलिए हमें अपने स्वतंत्रता दिवस के महत्व को समझना चाहिए, और ना केवल स्वतंत्रता दिवस के दिन बल्कि हमेशा अपने दिल में देश प्रेम की भावना रखते हुए देश की उन्नति और आन-बान-शान के लिए काम करना चाहिए।
स्वतंत्रता दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य –
- भारत के अलावा दुनिया में कई अन्य देश हैं जों 15 अगस्त को हमारे देश की तरह अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। भारत के अलावा ये कुछ देश हैं जिनका स्वतंत्रता दिवस भी 15 अगस्त को ही होता है –
देश | स्वतंत्रता वर्ष | स्वतंत्रता दिवस |
---|---|---|
उत्तर कोरिया | 1945 | 15 अगस्त |
दक्षिण कोरिया | 1945 | 15 अगस्त |
बहरीन | 1971 | 15 अगस्त |
कांगो गणराज्य | 1960 | 15 अगस्त |
- हम सभी जानते हैं कि हर साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री के द्वारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और भाषण भी दिया जाता है। परंतु देश आजाद होने पर 15 अगस्त 1947 को झंडा नहीं फहराया गया था बल्कि 16 अगस्त 1947 को फहराया गया था।
- देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त की मध्यरात्रि को अपना ऐतिहासिक भाषण “Tryst with Destiny” वायसराय लॉज में दिया था जिसे अब राष्ट्रपति भवन कहा जाता है, पंडित जवाहरलाल नेहरू उस समय तक देश के प्रधानमंत्री नहीं थे।
- लार्ड माउंटबेटेन देश की स्वतंत्रता के समय अंतिम वायसराय थे। उन्होनें ही पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ आज़ादी के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये थे।
- 15 अगस्त 1947 को आजादी के समय हमारे देश का कोई राष्ट्रगान नहीं था। परंतु रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित गीत ‘भारोतो भाग्यो विधाता’ जो उनके द्वारा 1911 में ही लिख दिया था, का नाम बदलकर ‘जन गण मन’ कर दिया गया और 24 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के द्वारा इसे राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया।
- हमारा वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज पिंगली वेंकैया द्वारा 1921 में डिजाइन किया गया। जिसमें सबसे ऊपर केसरिया रंग बीच में सफेद रंग और सबसे नीचे हरा रंग है, बीच में सफेद पट्टी पर अशोक चक्र बना है जिसमें 24 स्पोक हैं। इस ध्वज को 22 जुलाई 1947 को आधिकारिक तौर पर अपनाया गया।
- 15 अगस्त को अपना स्वतंत्र दिवस मनाने वाले भारत के अतिरिक्त ऐसे पांच और देश हैं जिनमें कांगो गणराज्य, उत्तरी कोरिया, दक्षिण कोरिया, बहरीन और लिकटेन्सटीन हैं।
- 24 जनवरी 1950 को रविंद्र नाथ टैगोर के द्वारा लिखे गए ‘वंदे मातरम्’को राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया। वंदे मातरम् रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा 1880 के दशक में लिखे गए उनके उपन्यास आनंदमठ का हिस्सा है।
आजादी का अमृत महोत्सव (स्वतंत्रता के 75 साल)
पिछले वर्ष 2022 में हमारे देश ने आजादी के 75 वर्ष पूरे कर लिए। इसी के उपलक्ष में भारत सरकार के द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत देशभर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इसी के अंतर्गत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश की जनता से आग्रह किया था कि वे इस अवसर पर अपने सोशल मीडिया के प्रोफाइल की तस्वीर पर देश का तिरंगा लगाएं।
हर घर तिरंगा अभियान 2.0 –
भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश में मनाए जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के तत्वाधान में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा‘हर घर तिरंगा अभियान’ पिछले वर्ष 2022 में शुरू किया था।
2023 में पुनः हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत देश के लोगों को अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराना है।
लोग अपने पोस्ट-ऑफिस या बैंक से मात्र 25 रुपये की धनराशि देकर तिरंगा प्राप्त कर सकते हैं।
इस अभियान का उद्देश्य देश के हर नागरिक के दिल में देशभक्ति की भावना को जागृत करना, राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना और राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
स्वतंत्रता दिवस कोट्स – Independence Day Quotes in Hindi
स्वतंत्र दिवस पर कोट्स नीचे गए हैं –

स्वतंत्र दिवस पर 10 लाइन – 10 Lines on Independence Day
- भारत में हर साल स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है।
- स्वतंत्रता दिवस हमारे देश के 3 राष्ट्रीय पर्वों में से एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है।
- इस दिन हमारे देश को अंग्रेजी दासता से आजादी मिली थी।
- स्वतंत्रता दिवस का महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन हम अपने देश के वीरों की कुर्बानी को याद करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
- हमारे देश में स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह दिल्ली के लाल किले पर मनाया जाता है।
- प्रत्येक भारतीय के लिए यह गौरव का दिन है यह देश की एकता और अखंडता को समर्पित दिन है।
- स्वतंत्र दिवस समारोह को मुख्य रूप से ध्वजारोहण, राष्ट्रगान, सेना की परेड तथा विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियां करते हुए मनाया जाता है।
- देश के सभी स्कूलों, कॉलेजों तथा सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर विभिन्न कार्यक्रमों के साथ पूरे हर्षोल्लास के साथ इस दिन को मनाते हैं।
- यह दिन प्रत्येक भारतीय के लिए बहुत महत्व रखता है।
- 2023 में देश स्वतंत्रता दिवस की 76 वीं वर्षगांठ और 77 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है।
उपसंहार –
भारत एक ऐसा देश है जिसमें विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ एक गुलदस्ते की तरह रहते हैं जिनकी अपनी-अपनी सभ्यता, संस्कृति, खानपान, वेशभूषा है उन सबके अपने-अपने त्योहार हैं जिसे वे अपने धर्म के लोगों के साथ मनाते हैं।
परंतु जब राष्ट्रीय पर्वों की बात आती है तब सभी धर्मों के लोग मिलकर एक साथ राष्ट्रीय पर्वों को पूरे हर्षोल्लास और जोश के साथ मनाते हैं।
हर भारतीय अपने राष्ट्रीय पर्व को अपने धर्म की तरह निभाता है और प्रत्येक भारतीय में अपने देश और राष्ट्रीय ध्वज के लिए यही सम्मान और भावना होनी चाहिए।
अपनी मातृभूमि पर न्योछावर होने का जज्बा सभी भारतीयों में एक समान होना चाहिए तभी 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व को मनाने की सार्थकता सिद्ध होती है।
FAQs
प्रश्न – स्वतंत्रता दिवस पर झण्डा कौन फहराता है?
उत्तर – स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर देश के प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं।
प्रश्न – स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्तर – 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था उसी के उपलक्ष में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
प्रश्न – इस वर्ष कौन सा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा?
उत्तर – 2023 में हमारा देश 77 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है।
प्रश्न – स्वतंत्रता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
उत्तर – भारत में प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्र दिवस मनाया जाता है, क्योंकि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था।
प्रश्न – स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर – भारत में प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्र दिवस मनाया जाता है।
हमारे शब्द –
तो दोस्तों ये था Essay on Independence Day in Hindi | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध आपको Speech of Independence Day in Hindi पर ये लेख कैसा लगा ? आशा है आपको इस निबंध ( लेख ) के साथ-साथ हमारे अन्य लेख भी पसंद आते होंगे ।
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तो मित्रों जल्द ही आपसे रूबरू होंगे एक और नए , ताजा और रोचक जानकारी से भरपूर लेख के साथ । धन्यवाद ।
sanjeevnihindi के सभी सुधि पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की अनंत शुभकामनाएं।
अंत में – हमारे आर्टिकल पढ़ते रहिए, हमारा उत्साह बढ़ाते रहिए, खुश रहिए और मस्त रहिए।
जीवन को अपनी शर्तों पर जियें ।
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