देश की धरोहर, हम सब का गौरव , स्वर-साम्राज्ञी , स्वर-कोकिला , भारत रत्न, लता मंगेशकर जी संगीत की दुनिया का ऐसा नाम हैं जो संगीत के आसमां पर चमकता सितारा हैं। सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में उनकी जादुई आवाज़ के लोग मुरीद हैं , यहाँ तक कि “गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” ने भी इस बात को स्वीकारा कि विश्व में सर्वाधिक गाने उन्हीं ने गाए हैं ।
लता जी के 7 दशकों से भी ज्यादा के संगीतमय सफर में अनगिनत उपलब्धियां उनके नाम हैं । भारत कोकिला ने 20 भाषाओं में लगभग तीस हजार गाने गाकर गीत- संगीत की दुनिया को अपने सुरों से नवाजा। उनकी यह मखमली आवाज कभी किसी प्रेमिका के दिल का सुकून बनी, कभी किसी मां की लोरी, और कभी देश के सैनिकों का हौसला।
लता जी ने 1962 की चीन की लड़ाई के बाद जब एक प्रोग्राम के दौरान प्रदीप जी का लिखा हुआ गीत, “ए मेरे वतन के लोगों……..” गाया तो प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखों में आंसू आ गए।
दोस्तों, आज हम इस लेख Lata Mangeshkar Biography in Hindi| स्वर-साम्राज्ञी-लता मंगेशकर का जीवन परिचय,जीवनी के माध्यम से एक ऐसी शख्सियत के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो हमारे देश की धरोहर है और देश की वर्तमान पीढ़ी जिनके नगमों को गुनगुनाते हुए बड़ी हुई है।
जी हां……दोस्तों, आपने ठीक समझा, हम उन्हीं हर-दिल अजीज, स्वर-साम्राज्ञी, देश का गौरव और भारत रत्न लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) जी के जीवन के संघर्ष व उपलब्धियों की गाथा के बारे में जानेंगे।
Lata Mangeshkar Biography in Hindi | स्वर-साम्राज्ञी-लता मंगेशकर का जीवन परिचय, जीवनी
नाम | लता ( हेमा ) दीनानाथ मंगेशकर |
उपनाम | लता दीदी, ताई, नाइटिंगेल ऑफ बॉलीवुड |
जन्म दिन | 28 सितंबर 1929 |
आयु | 92 वर्ष |
जन्म स्थान | इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत |
पिता का नाम | पंडित दीनानाथ मंगेशकर |
माता का नाम | शेवंती मंगेशकर |
भाई – बहिन | आशा भोंसले (बहिन ) , मीना खाड़ीकर ( बहिन ), उषा मंगेशकर ( बहिन ) और हृदयनाथ मंगेशकर ( भाई ) |
पति का नाम | अविवाहित हैं |
लंबाई | 5 फिट 1 इंच |
वजन | 82 किलोग्राम |
पेशा | पार्श्व गायिका, संगीत निदेशक, निर्माता |
कार्य अवधि | 1942 से वर्तमान तक |
शिक्षक(संगीत ) | दीनानाथ मंगेशकर ( पिता ), गुलाम हैदर, पंडित तुलसीदास शर्मा |
पुरस्कार | पद्मभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, पद्म विभूषण, भारत रत्न ( सर्वोच्च सम्मान ) व अन्य ढेरों सम्मान |
मृत्यु | 6 फरवरी 2022 |
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लता मंगेशकर का जन्म कब और कहां हुआ था ? Where Was Lata Mangeshkar Born?
देश की आवाज लता जी का जन्म इंदौर ( मध्य प्रदेश) में 28 सितंबर 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ |
लता मंगेशकर के माता-पिता का क्या नाम था ? What was the Name of Mother, Father of Lata Mangeshkar ?
लता जी के पिता पं0 दीनानाथ मंगेशकर और उनकी माता शेवंती मंगेशकर थीं ।
प्रारंभिक जीवन और बचपन – Early Life and Childhood
लता जी के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर रंगमंच के प्रसिद्ध कलाकार और शास्त्रीय संगीत के मशहूर गायक थे। इनके पिता का नाम पहले पंडित दीनानाथ हार्डीकर था इनके पिता मंगेशी (गोवा) के रहने वाले थे इसलिए इन्होंने अपना नाम बदलकर हार्डीकर से मंगेशकर रख लिया।
बचपन में लता मंगेशकर जी का नाम हेमा रखा गया था परंतु बाद में इनका नाम बदलकर लता रख दिया गया। लता जी चार भाई बहनों में सबसे बड़ी थीं इनकी तीन अन्य बहनें मीना, आशा, उषा हैं तथा एक भाई हृदयनाथ मंगेशकर है।
लता जी ने 5 वर्ष की उम्र से ही अपने पिता से संगीत सीखना शुरू कर दिया था। लता जी के पिता इन्हें संगीत सिखाना नहीं चाहते थे परंतु एक बार एक घटना हुई- लता जी के पिता के कई शिष्य थे जो उनसे संगीत सीखते थे,
पिता की अनुपस्थिति में एक बार जब एक शिष्य बार-बार गलती कर रहा था तो लता जी ने उसकी गलती को सुधारा, ठीक तभी वहां पहुंचे उनके पिता ने इस बात को देख लिया तभी उन्हें एहसास हुआ की इस बच्ची में बहुत प्रतिभा है।
और तभी से उन्होंने लता जी को संगीत की शिक्षा देनी प्रारंभ कर दी। उनके साथ ही उनकी तीनों बहने भी संगीत सीखा करती थी। लता जी ने अमान अली खान तथा अमानत अली खान के साथ भी शिक्षा ली।
पहली बार 5 वर्ष की उम्र में लता जी ने अपने पिता के साथ एक नाटक में काम किया और फिर 13 साल की उम्र में ( 1942 ) उन्होंने एक मराठी फिल्म के लिए गाना गाया परंतु किसी कारणवश इस गाने को फिल्म से हटा दिया गया।
1942 में पिता की मृत्यु के समय जब ये मात्र 13 वर्ष की थीं उस समय विनय दामोदर कर्नाटकी, जोकि इनके पिता के अभिन्न मित्र थे तथा नवयुग चित्रपट फिल्म कंपनी के मालिक थे , ने इनके परिवार को संभाला और लता जी को गायिका और अभिनेत्री के रूप में स्थापित करने में सहयोग किया ।
परिवार के प्रति जिम्मेदारी व संघर्ष- Struggle and Responsibility Towards Family
दोस्तों, हम लता जी के जीवन संघर्ष व उनकी उपलब्धियों के बारे में आपको इस लेख Lata Mangeshkar Biography in Hindi के माध्यम से बताते हैं, केवल 13 वर्ष की आयु में ही इनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर जी का 1942 में देहांत हो जाने के कारण परिवार व भाई बहनों तथा घर संभालने की सारी जिम्मेदारी लता जी पर आ गई। बाद में उनका परिवार पुणे छोड़कर मुंबई आ गया।
शास्त्रीय संगीत की शिक्षा- दीक्षा – Training of Classic Music
लता दीदी ने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा उस्ताद अमानत अली खां भिंडी बाजार वाले से लेनी शुरू की, परंतु उसी समय भारत-पाकिस्तान के विभाजन के कारण अमानत साहब पाकिस्तान चले गए।
इसके बाद लता जी ने अमानत खां देवास वाले से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली। इनके अतिरिक्त दो और मशहूर हस्तियों बड़े गुलाम अली खां तथा पंडित तुलसीदास शर्मा जी से भी इन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ग्रहण की।
अभिनय की शुरुआत- Acting Debut
लता मंगेशकर जी को अभिनय का बिल्कुल भी शौक नहीं था, परंतु पिता की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी इनके ऊपर आने के बाद घर खर्च चलाने के लिए इन्होंने फिल्मों में अभिनय करना शुरू कर दिया पहली बार लता जी को 1942 में बनी फिल्म “मंगलगौर” में काम करने का मौका मिला, और उसके बाद लता जी की मुलाकात 1945 में प्रसिद्ध संगीतकार गुलाम हैदर जी से हुई।
लता जी ने कुछ हिंदी और मराठी फिल्मों में भी काम किया। 1942 में आई “मंगलागौर” उनकी पहली फिल्म थी।इसके अतिरिक्त उनकी कई अन्य फिल्में भी थी जिनमें प्रमुख “माझे बाल”, ” छत्रपति शिवाजी” ( 1952 ), ” बड़ी मां” ( 1945 ), ” चिमुकला संसार” (1943 ), ” माँद “(1948 ), ” जीवन यात्रा”( 1946 ), “गजभाऊ ” (1944 ), हैं |
पार्श्व गायन का सफर- Playback Singing Journey
लता जी ने जब गायकी में अपना कैरियर बनाने के लिए संघर्ष शुरू किया तो उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा, लता जी की आवाज काफी पतली होने के कारण बहुत से निर्देशकों ने उन्हें काम देने से इंकार कर दिया था।
उस दौर में नूरजहां, शमशाद बेगम और जोहराबाई अंबाले प्रसिद्ध गायिका थीं , फिल्म इंडस्ट्री में इनका वर्चस्व था, अतः सभी इनकी तुलना नूरजहां से करते थे।
गुलाम हैदर जी लता जी के गाने के अंदाज से बहुत प्रभावित थे अतः उन्होंने उस समय के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एस0 मुखर्जी से उनकी फिल्म “शहीद” में गाने का मौका देने के लिए सिफारिश की ।
एस0 मुखर्जी को लता जी की आवाज पसंद ना आने के कारण उन्होंने उन्हें काम देने से मना कर दिया इस बात से नाराज होकर गुलाम हैदर जी ने कहा कि यह लड़की आने वाले समय में फिल्म इंडस्ट्री में नाम कमाएगी।
लता जी ने अपनी गायन की शुरुआत 1947 में उनकी पहली हिन्दी फिल्म “आपकी सेवा में” से की परंतु उनके गायकी को किसी ने नोटिस नहीं किया| फिर पहली बार 1949 में लता जी का कैरियर चमक उठा, उनकी चार फिल्में रिलीज हुई – “महल” , “बरसात” , “अंदाज़” और “दुलारी”|
लता जी के कैरियर का टार्निंग पॉइंट ” महल” फिल्म का उनका गाना ” आएगा आने वाला आएगा…” Turning Point Of Career
“महल” फिल्म का उनका गाना ” आएगा आने वाला आएगा…” बहुत लोकप्रिय हुआ, और इस गाने के साथ ही उन्होंने स्वयं को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर लिया, इसी के बाद से फिल्म जगत के दिग्गजों को एहसास हो गया कि लता जी का कैरियर बहुत लंबे समय तक चलने वाला है।
50 का दशक आते-आते यह बात सच साबित हुई लता जी ने सी0 रामचंद्रन मोहन, एस0डी0 बर्मन, सलिल चौधरी, शंकर जयकिशन, हेमंत कुमार जैसे नामचीन संगीतकारों के साथ काम किया। साहिर लुधियानवी के गीत और एस0 डी0 बर्मन के संगीत निर्देशन में लता जी ने बहुत से हिट गीत गाए।
1961 में लता जी द्वारा गाया “हम दोनों” फिल्म का भजन ” अल्लाह तेरो नाम.. बहुत लोकप्रिय हुआ। ” नागिन” फिल्म में लता जी का गाया गाना ” मन डोले मेरा तन डोले मेरे दिल का गया करार ….” उस दौर का बहुत ही प्रसिद्ध गाना था जिसे हर व्यक्ति आज भी सुनना पसंद करता है।
साठ के दशक में हेमंत जी के संगीत निर्देशन में बनी फिल्म “आनंद मठ” में लता जी के द्वारा गाया गीत “वंदे मातरम …” बहुत लोकप्रिय हुआ और आज भी जब यह गाना कोई सुनता है तो शरीर में एक अलग तरह की ऊर्जा संचारित हो उठती है | लता जी ने इस गीत के साथ एक अलग पहचान बनाई।
इसके अतिरिक्त लता जी के गाए गीत जाग दर्द इश्क जाग…, और प्रदीप जी के लिखे गीत “ए मेरे वतन के लोगों……” भी गाया जिसे सुनकर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखों में आंसू आ गए। बॉलीवुड के दिग्गज संगीतकार आर0 डी0 बर्मन, नौशाद, शंकर जयकिशन, अनिल विश्वास, मदन मोहन, सलिल चौधरी, और सी0 रामचंद्र जैसे लोग लता जी की प्रतिभा के कायल थे।
मुगले-आज़म, मदर इंडिया, दो आंखें बारह हाथ, दो बीघा जमीन जैसी बड़ी फिल्मों में लता जी ने गीत गाए। 60, 70, 80 और 90 के दशक में बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में लता जी और उनकी बहन आशा जी का ऐसा साम्राज्य कायम रहा कि लोग उस दौर की अन्य गायिकाओं को भूल गए।
मशहूर शो मैन राज कपूर जी अपनी फिल्मों के लिए हमेशा लता जी को ही साइन किया करते थे, वह लता जी से इतने प्रभावित थे कि वे उन्हें सरस्वती का दर्जा देते थे, 90 का दशक आने तक लता जी की उम्र हो जाने के कारण वे कुछ चुनिंदा फिल्मों में ही गाया करती थी।
इस दौर में लता जी ने यश चोपड़ा जी के गीतों को अपनी आवाज दी। दाग, कभी-कभी, सिलसिला, लम्हे, दिल तो पागल है, वीर-ज़ारा , जैसी यश चोपड़ा की फिल्मों के लिए लता जी ने आवाज दी।
परंतु धीरे-धीरे लता जी की गायकी, उनकी प्रतिभा तथा काम के प्रति उनका समर्पण के चलते लता जी को काम मिलने लगा और फिर दीदी को मिलने वाली कामयाबी ने उन्हें बॉलीवुड की सर्वाधिक मशहूर व असरदार पार्श्व गायिका बना दिया।
फिल्म जगत में अब तक सर्वाधिक गीत गाने का रिकॉर्ड लता जी के नाम है। लता जी ने हिंदी भाषा के अतिरिक्त कई अन्य भाषाओं व गैर फिल्मी गीतों को भी बड़ी ही खूबसूरती के साथ गाया है।
शास्त्रीय संगीत हो, भजन हो या कव्वाली ,गज़ल हो या कोई दर्द भरा नगमा गीतों की हर विधा में लता जी को गायकी की महारत हासिल है , उनकी गायकी का फिल्म जगत में कोई सानी नहीं है। नरगिस और मधुबाला से लेकर श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित तथा काजोल के युग तक सिनेमा के रजत पटल पर ऐसी कोई अभिनेत्री नहीं है जिसे लता जी ने आवाज न दी हो , और किसी पर भी उनकी आवाज कभी मिसफिट नहीं हुई।
लता जी को स्लो पॉइजन दिया गया – Lata ji Was Given Slow Poison
उस दौर में लता जी की लोकप्रियता इतनी ज्यादा थी कि उन्हें 1962 में स्लो पॉइजन देकर मारने की कोशिश भी की गई। 1 दिन अचानक उनके पेट में बहुत तेज दर्द हुआ बाद में खुलासा हुआ कि उन्हें स्लो पाइजन दिया गया था हालांकि इस बात का खुलासा आज तक नहीं हुआ उन्हें मारने की यह कोशिश किसकी थी।
शादी का ख्याल – Wedding Care
लता जी ने अपना पूरा जीवन अपनी गायकी के लिए कड़ा रियाज और मेहनत करते हुए बिताया, साथ ही अपने भाई बहनों की जिम्मेदारी संभालते हुए उन्हें कभी अपनी शादी का ख्याल ही नहीं आया| लता दीदी जब भी किसी समारोह में शामिल होती थीं तो पत्रकारों का उनसे एक ही सवाल होता, कि उन्होंने शादी क्यों नहीं की ?
और उन्होंने इस सवाल पर हमेशा यही जवाब दिया कि “मुझ पर भाई बहनों और परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी थी , बहुत छोटी उम्र से ही काम करने लगी थी शादी के बारे में सोचने का उनके पास कभी वक्त ही नहीं था हमेशा सोचती थी कि पहले मेरे भाई बहन व्यवस्थित हो जाए तब शादी करूं परंतु ऐसा सोचते सोचते ही वक्त निकल गया। “
नेटवर्थ-Networth
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद से आज तक लता जी ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर एकक्षत्र राज किया है। भारतीय हिंदी सिनेमा उद्योग को अपनी सुरीली आवाज देकर उन्होंने ना सिर्फ शोहरत हासिल की बल्कि अपने कैरियर में काफी धन भी कमाया।
एक रिपोर्ट के अनुसार लता जी की नेटवर्थ लगभग 50 मिलियन डॉलर या भारतीय रुपयों के अनुसार इनकी कीमत 368 करोड़ रुपए है।
बंगला -Bungalow
फिल्म इंडस्ट्री में लता जी लता दीदी और ताई के नाम से मशहूर है। लता जी का दक्षिण मुंबई में पेडर रोड पर एक भव्य और आलीशान बांग्ला है, उनके बंगले का नाम प्रभु कुंज भवन है
गाड़ियों का संग्रह- Car Collection
लता मंगेशकर जी ने अपना पूरा जीवन बहुत ही सादगी के साथ बिताया है परंतु उनके पास एक बहुत शानदार कार कलेक्शन है । उनके कलेक्शन में शेवरले, ब्यूक और क्रिसलर गाड़ियां है, इन गाड़ियों के अतिरिक्त हिंदी फिल्म “वीर-जारा” के रिलीज होने के बाद प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा ने लता जी को एक मर्सिडीज कार गिफ्ट की थी।
लता मंगेशकर, अलग-अलग दशकों के हिट गाने-Lata Mangeshkar Hit Songs in Different Decades
लता मंगेशकर, 60 के दशक के हिट गाने
फिल्म | गाना |
मुग़ल-ए-आज़म 1960 | प्यार किया तो डरना क्या…. |
दिल अपना और प्रीत पराई 1960 | अजीब दास्तां है ये कहां शुरू…. |
गाइड 1965 | गाता रहे मेरा दिल…… |
ज्वेल थीफ 1967 | होठों पे ऐसी बात में…… |
लता मंगेशकर, 70 के दशक के हिट गाने
फिल्म | गाना |
प्रेम पुजारी 1970 | रंगीला रे तेरे रंग में……. |
शर्मीली 1971 | खिलते हैं गुल यहां खिल के… |
पाकीजा 1972 | इन्हीं लोगों ने ले लीना ….. |
अभिमान 1973 | तेरी बिंदिया रे……. |
सत्यम् शिवम् सुंदरम् 1978 | सत्यम् शिवम् सुंदरम्….. |
लता मंगेशकर, 80 के दशक के हिट गाने
फिल्म | गाना |
सिलसिला | देखा एक ख्वाब …… |
राम लखन | ओ राम जी ….. |
चांदनी | तेरे दिल में मैं अपने अरमान …… |
एक दूजे के लिए | तेरे मेरे बीच में …… |
हीरो | निंदिया से जागी बहार ……. |
मैंने प्यार किया | दिल दीवाना बिन सजना ……. |
लता मंगेशकर, 90 के दशक के हिट गाने
फिल्म | गाना |
दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे | हो गया है तुझको तो ….. |
हम आपके हैं कौन | दीदी तेरा देवर ……. |
दिल तो पागल है | दिल तो पागल है ……. |
वीर- जारा | तेरे लिए हम हैं जिए …… |
लम्हे | कभी मैं कहूँ ….. |
डर | तू मेरे सामने …… |
मोहब्बतें | हम को हमीं से चुरा लो …. |
लता मंगेशकर को मिले अवार्ड व सम्मान – Awards
लता जी एक ऐसी शख्शियत रही हैं कि उन्हें सम्मानित करने पर सम्मान स्वयं ही सम्मानित महसूस करे | उनके गायकी के सफर में शायद ही कोई ऐसा सम्मान या अवॉर्ड हो जो उन्हें न मिला हो | लता दीदी को गायकी के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए अनगिनत अवार्ड्स मिले हैं , उनमें से कुछ विशिष्ट अवार्ड्स के बारे में हम आपको जानकारी देने वाले हैं –
भारत सरकार द्वारा दिए गए अवार्ड्स –
वर्ष | पुरस्कार |
1969 | पद्मभूषण |
1989 | दादा साहेब फाल्के पुरस्कार |
1999 | पद्म विभूषण |
2001 | भारत रत्न ( सर्वोच्च सम्मान ) |
फिल्मफेयर पुरस्कार –
वर्ष | फिल्म |
1959 | मधुमती |
1963 | बीस साल बाद |
1966 | खानदान |
1970 | जीने की राह |
1993 | फिल्म फेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड |
1994 | हम आपके हैं कौन के लिए विशेष पुरस्कार |
2004 | फिल्म फेयर स्पेशल अवार्ड ( 50 साल पूरे करने वाले फिल्म फेयर अवॉर्ड्स के अवसर पर एक गोल्डन ट्रॉफी ) |
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फिल्म पुरस्कार ( राष्ट्रीय )-
वर्ष | पुरस्कार |
1972 | सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार ( परिचय ) |
1974 | राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार ( सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका ) कोरा कागज़ फिल्म के लिए |
1990 | सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार ( लेकिन) |
बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन अवॉर्ड्स –
निम्न फिल्मों के लिए बेस्ट फ़ीमेल प्लैबैक सिंगर अवार्ड्स –
वर्ष | फिल्म |
1964 | वह कौन थी |
1967 | मिलन |
1968 | राजा और रंक |
1969 | सरस्वती चंद्र |
1970 | दो रास्ते |
1971 | तेरे मेरे सपने |
1972 | पाकीजा |
1973 | बॉन पलाशिर पदबाली |
1973 | अभिमान |
1975 | कोरा कागज |
1981 | एक दूजे के लिए |
1983 | अ पोट्रेट ऑफ लता जी |
1985 | राम तेरी गंगा मैली |
1987 | अमर संगी ( बंगाली ) |
1991 | लेकिन |
फिल्म पुरस्कार ( महाराष्ट्र राज्य ) –
वर्ष | पुरस्कार |
1966 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका |
1966 | सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक |
1977 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका |
1997 | महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार |
2001 | महाराष्ट्र रत्न |
उपरोक्त सभी अवॉर्ड्स के अतिरिक्त 250 ट्रॉफी तथा 150 गोल्ड मेडल भी लता जी कि उपलब्धियों मे शामिल है, लता मंगेशकर जी के सम्मान में मध्य प्रदेश की राज्य सरकार ने भी एक पुरस्कार शुरू किया है, लता दीदी एक मात्र ऐसी लिविंग लेजेन्ड हैं जिनके नाम पर पुरस्कार शुरू किया गया है |
एक नेक इंसान के रूप में लता जी, हिंदी सिनेमा जगत की सर्वश्रेष्ठ गायिका लता जी व्यक्तिगत जीवन में भी एक नेक दिल इंसान हैं। वे एक ऐसी इंसान है जिनका व्यवहार सभी के साथ बहुत मधुर रहा है इंडस्ट्री के सभी लोग उनका बेहद सम्मान करते हैं।
क्रिकेट लता जी का प्रिय खेल है जब 1983 में भारत ने विश्व कप जीता तब लता मंगेशकर जी ने भारतीय टीम को पुरस्कृत करने के लिए अलग-अलग जगहों पर कई शो किए।
भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर उनके मनपसंद खिलाड़ी हैं और उन्हें सचिन से बहुत लगाव है, सचिन भी उन्हें अपनी मां के समान मानते हैं और बहुत सम्मान देते हैं। अपने मृदुल स्वभाव के कारण ही फिल्म इंडस्ट्री के अधिकांश निर्माता-निर्देशकों व अभिनेताओं के साथ उनके पारिवारिक रिश्ते रहे हैं।
लता मंगेशकर जी वर्तमान में कोरोना पॉजिटिव हैं – Lata ji Diagnosed Positive with Covid-19
लता जी के बारे में आजकल समाचारों में चल रही खबर के मुताबिक लता जी कोरोना पॉजिटिव डायग्नोस हुई हैं तथा वे पिछले कुछ दिनों से मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है, ऐसे मुश्किल समय में हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं तथा उनकी दीर्घायु के लिए परमेश्वर से करबद्ध प्रार्थना करते हैं।
लता दीदी ने अपना पूरा जीवन दूसरों को प्यार व स्नेह बांटते हुए बताया है हमें पूर्ण विश्वास है कि वे एक योद्धा की तरह इस बीमारी को परास्त करके पुनः हमारे सम्मुख होंगी और हम फिर से उन्हें गाते हुए सुनेंगे।
लता मंगेशकर की मृत्यु -Lata Mangeshkar Death
लम्बे समय (लगभग 29 दिन) तक कोरोना व निमोनिया से जीवन की जंग लड़ते हुए आखिर वही हुआ जिसका डर था, देश का गरूर, स्वर कोकिला, भारत रत्न लता जी ने 92 वर्ष की उम्र में , 6 फरवरी 2022 की सुबह 8:12 पर इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। समस्त देशवासी इस अपूर्णीय क्षति पर स्तब्ध हैं। देश की धरोहर लता जी के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज दो दिन तक आधा झुका रहेगा। लता जी को शत-शत नमन । आप अपने स्वर व आवाज़ के माध्यम से हमेशा – हमेशा हमारे बीच रहेंगी।
लता जी के जीवन से संबंधित कुछ तथ्य – Facts Related to Lata Mangeshkar
- लता जी ने अपना पहला गाना मराठी फिल्म “किती हसाल” के लिए 1942 में रिकॉर्ड किया।
- पहली बार 1949 में “महल” फिल्म का गाना ” आएगा आने वाला…..” सुपरहिट हुआ।
- लता जी देश की इकलौती ऐसी जीवित व्यक्ति है जिनके नाम पर पुरस्कार दिया जाता है।
- लता जी ने अब तक 20 से अधिक अलग-अलग भाषाओं में 30,000 से भी ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए हैं ।
- लता जी हमेशा गाना गाते समय नंगे पैर होती है।
- 1980 के बाद से फिल्मों के लिए गाने रिकॉर्ड करना कम कर दिया तथा अधिक ध्यान स्टेज शो पर देने लगी।
FAQ
प्रश्न – लता जी का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर – लता जी का पूरा नाम लता दीनानाथ मंगेशकर है।
प्रश्न – लता जी का जन्म कब और कहां हुआ ?
उत्तर – लता जी का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर ( मध्य प्रदेश ) में हुआ।
प्रश्न – लता मंगेशकर के पिता का क्या नाम है ?
उत्तर- लता जी के पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर है।
प्रश्न- लता जी के भाई का नाम क्या है ?
उत्तर- लता जी के भाई का नाम हृदयनाथ मंगेशकर है।
प्रश्न- लता मंगेशकर की उम्र क्या है ?
उत्तर- लता जी की उम्र 92 वर्ष है।
प्रश्न- लता मंगेशकर का पहला गाना कौन सा है ?
उत्तर- लता जी ने अपना पहला गाना मराठी फिल्म “किती हसाल” के लिए 1942 में रिकॉर्ड किया।
प्रश्न – लता जी कितनी बहने हैं ?
उत्तर –लता मंगेशकर कुल 4 बहने हैं उनके अलावा उनकी 3 बहने आशा, मीना तथा उषा हैं |
प्रश्न – लता मंगेशकर को मिलने वाला सर्वोच्च सम्मान कौन सा है ?
उत्तर – लता मंगेशकर को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न मिला है |
प्रश्न – लता मंगेशकर की संपत्ति कितनी है ?
उत्तर- एक रिपोर्ट के अनुसार लता जी की नेटवर्थ लगभग 50 मिलियन डॉलर या भारतीय रुपयों के अनुसार इनकी कीमत 368 करोड़ रुपए है।
प्रश्न – लता मंगेशकर की मृत्यु कब हुयी ?
उत्तर – लता जी की मृत्यु 6 फरवरी 2022 को हुयी |
प्रिय पाठकों ! आज आपने इस लेख Lata Mangeshkar Biography in Hindi| स्वर-साम्राज्ञी-लता मंगेशकर का जीवन परिचय,जीवनी के माध्यम से लता जी के संपूर्ण जीवन परिचय को जाना। आपको यह लेख कैसा लगा ? हमें पूर्ण विश्वास है कि आपको यह बृहत् जानकारी अवश्य पसंद आई होगी।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो कमेंट बॉक्स में अपनी राय लिखकर हमें अवश्य भेजें। दोस्तों, ऐसे ही जानकारी से भरपूर और लेख लिखने के लिए हमारा उत्साहवर्धन करते रहें , शीघ्र ही एक और शानदार, ज्ञानवर्धक तथा प्रेरणादायक लेख के साथ आपसे फिर मिलेंगे, धन्यवाद !
सच मुच महान गायिका