क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में | Essay on Christmas Day in Hindi, 2023

Rate this post

Merry Christmas ! यह शब्द कानों में पढ़ते ही हमारे मस्तिष्क पटल पर रंग बिरंगी लाइटें , गिफ्ट बांटता Sainta, Christmas Tree, क्रिसमस केक, क्रिसमस कार्ड्स के सुंदर चित्र उभर आते हैं। पर दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि क्रिसमस का त्यौहार कब, कैसे और क्यों मनाया जाता है?

तो चलिए दोस्तों, आज हम जानते हैं क्रिसमस ( बड़ा दिन ) के बारे में सभी बहुमूल्य जानकारियां अपने इस लेख क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में | Essay on Christmas Day in Hindi, 2023 के माध्यम से-

प्रिय पाठकों ! क्रिसमस डे ईसाई धर्म के लोगों का सर्वश्रेष्ठ त्यौहार माना जाता है यह केवल भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में ना केवल ईसाई लोगों के द्वारा बल्कि अन्य धर्मों के लोगों के द्वारा भी बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

इस त्यौहार का महत्व इसी बात  से पता चलता है  कि यह त्यौहार वर्तमान में पूरे विश्व में एक इंटरनेशनल त्यौहार की  तरह से मनाया जाता है,

प्रस्तुत लेख (निबंध) में  आप क्रिसमस  डे  का इतिहास, परम्परा और मान्यता, क्रिसमस  डे का महत्व  के साथ – साथ क्रिसमस ट्री व क्रिसमस डे के विषय में 10 बहुत महत्वपूर्ण तथ्य और क्रिसमस डे के 10 प्रमुख कैरोल पढ़ सकते हैं ।

इस लेख में  हमने इस त्यौहार के सभी संदर्भों को कवर किया है अत: इसके द्वारा आगामी परीक्षाओं में विद्यार्थियों  की  क्रिसमस डे (Christmas Day) पर निबंध लिखने  की तैयारी बहुत ही कुशलता पूर्वक हो सकती है। तो आइए दोस्तों शुरू करते हैं यह निबंध। 

Table of Contents

क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में | Essay on Christmas Day in Hindi, 2023

प्रभु यीशु का जन्म 4 BC यहूदी , रोमन साम्राज्य
मृत्यु 30 AD , येरुशलम , यहूदी , रोमन साम्राज्य
गृह स्थान नासरत
पिता का नाम जोसेफ
माता का नाम मरियम (मैरी)
होम पेज  यहाँ क्लिक करें 

1. क्रिसमस डे का इतिहास, परंपरा और मान्यता History and tradition of Christmas Day

मान्यताओं के अनुसार 25 दिसंबर को प्रभु ईसा मसीह का जन्मदिवस माना जाता है और इसी के उपलक्ष्य में क्रिसमस त्यौहार मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुरुआत में ईसाई धर्म के धार्मिक नेता इस दिन को इस रूप में मनाने के लिए मान्यता नहीं देना चाहते थे।

25 दिसंबर को वास्तव में रोमन जाति का एक त्यौहार मनाया जाता था जिसमें सूर्य देवता की उपासना की जाती थी ऐसा माना जाता था कि इसी दिन सूर्य देव का जन्म हुआ।उस समय रोमन सम्राट सूर्य की उपासना को राजकीय धर्म की तरह मानते थे ।

ईसा मसीह के जन्म के पश्चात ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह को सूर्य का अवतार मानकर इस दिन प्रभु यीशु की उपासना करने लगे परंतु इस दिन को उनके जन्म के रूप में मान्यता नहीं मिल सकी।

चौथी शताब्दी में ईसाइयों के द्वारा अपनी उपासना पद्धति पर विचार-विमर्श हुआ और प्राचीन उपलब्ध लिखित सामग्री के आधार पर इसे तैयार किया गया ।

You May Also Like

इसी क्रम में लगभग 360 ईसवी में रोम के एक चर्च में ईसा मसीह के जन्मदिन पर पहली बार एक समारोह का आयोजन किया गया। परंतु फिर भी त्यौहार को मनाने की तारीख के बारे में आपसी मतभेद रहे।

तीसरी शताब्दी में प्रभु यीशु के जन्म का समारोह मनाने पर फिर से विचार किया जाने लगा और ईसाई धर्म गुरुओं में विचार-विमर्श के बाद यह निश्चय किया गया कि इस आयोजन के लिए बसंत ऋतु का ही कोई दिन निश्चित किया जाए।

काफी विचार-विमर्श के बाद चौथी शताब्दी में रोमन चर्च तथा तत्कालीन सरकार ने 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिन घोषित कर दिया। इसके बाद भी इसका काफी विरोध होता रहा इसलिए क्रिसमस कैरोल को गाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया |

तत्पश्चात 25 दिसंबर 1644 में इंग्लैंड में एक नया कानून बनाया गया जिसके अनुसार 25 दिसंबर को उपवास घोषित कर दिया गया।अमेरिका में 1836 में क्रिसमस को कानूनी मान्यता मिली और 25 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया ।

क्रिसमस डे कब मनाया जाता है ?- When Christmas Day is Celebrated ?

विश्व भर में 25 दिसंबर को पूरे हर्षोल्लास के साथ क्रिसमस डे मनाया जाता है।

Essay on Christmas Day in Hindi
Essay on Christmas Day in Hindi

क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है ?- Why Christmas Day is Celebrated ?

25 दिसंबर को प्रभु यीशु के जन्म दिवस के रूप में पूरे विश्व में क्रिसमस डे को मनाया जाता है।

क्या वास्तव में यीशु का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था?- Did Yeshu Born on 25 December ?

बाइबिल में प्रभु यीशु के जन्म का कोई निश्चित दिन नहीं बताया गया है। मान जाता है यूरोप में गैर ईसाई समुदाय के लोग सूर्य के उत्तरायण के अवसर पर कुछ त्यौहार मनाते थे जिसमें 25 दिसंबर को सूर्य के उत्तरायण होने का त्यौहार प्रमुख था।

इसी दिन के बाद से दिन बड़े होना शुरू हो जाते हैं, इसे सूर्य देवता के पुनर्जन्म का दिन माना जाता था, माना जाता है इसी कारण ईसाई धर्म के लोगों ने इस दिन को प्रभु यीशु के जन्मदिन ( क्रिसमस) के रूप में चुना ।

क्रिसमस डे का महत्व- Importance Of Christmas Day

मान्यताओं के अनुसार 25 दिसंबर को ईसाई धर्म के संस्थापक प्रभु यीशु का जन्म हुआ था, इसीलिए पूरे विश्व में इस दिन को क्रिसमस डे के नाम से जाना और मनाया जाता

 क्रिसमस डे की तैयारी- Preparation of Christmas Day

Essay on Christmas Day in Hindi में आपको बताते हैं कि क्रिसमस की तैयारी कैसे करते है – क्रिसमस डे की शुरुआत क्रिसमस से 1 दिन पूर्व अर्थात 24 दिसंबर से ही हो जाती है, बल्कि दिसंबर का महीना आते ही इस त्यौहार की तैयारियां जोरों शोरों से शुरू हो जाती हैं।

बाजार में दुकानें सजने लगती है हर तरफ दुकानों पर क्रिसमस पर सजाने वाले सामान देखने को मिलते हैं बाजारों में हर तरफ खूबसूरत , रंगीन रोशनी देखने को मिलती है।

लोग क्रिसमस के लिए हफ्तों पहले से खरीदारी करना शुरू कर देते हैं, आज के समय में क्रिसमस का त्यौहार, व्यापारियों के लिए भी बहुत मुनाफे का अवसर बन गया है।

क्रिसमस डे का त्यौहार कैसे मनाते हैं- How Christmas Day Festival is Celebrated ?

क्रिसमस से पहले ईस्टर ईसाई लोगों का प्रमुख त्यौहार था परंतु अपनी अनुपम परंपराओं की वजह से क्रिसमस खास है । क्रिसमस फेस्टिवल की तैयारी क्रिसमस से कई दिन पहले शुरू हो जाती है क्रिसमस को मानने वाले ईसाई जाति के लोग इन दिनों बाइबिल पढ़ते हैं, मेडिटेशन करते हैं ,चर्च में प्रार्थना करते हैं और उपवास रखते हैं।

क्रिसमस का त्यौहार शांति और सद्भावना का प्रतीक माना जाता है अत: इन दिनों यीशु के जीवन से संबंधित कहानियां पढ़ी और सुनाई जाती हैं जिससे लोगों में शांति व प्रेम की भावना का संचार हो।

इन दिनों सभी लोग अपने घर के आसपास के स्थानों की साफ सफाई करते हैं, उन्हें सजाते हैं तथा घरों में अच्छे-अच्छे व्यंजन बनाते हैं। लोग अपने परिजनों व मित्रों को उपहार , क्रिसमस कार्ड तथा मिठाइयां देते हैं।

इन दिनों चर्च में प्रार्थना की जाती हैं, यीशु के गीत ( कैरोल) गाए जाते हैं तथा कैंडल जलाकर क्रिसमस का सेलिब्रेशन किया जाता है।

क्रिसमस ट्री क्या होता है और उसका महत्व- What is Christmas Tree and it’s Importance

Essay on Christmas Day in Hindi में आप जानेंगे क्रिसमस ट्री के महत्व के बारे में – क्रिसमस पर्व पर क्रिसमस ट्री का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन फर के वृक्ष को सजाया जाता है। क्रिसमस ट्री के बारे में कई किवदंती हैं। 

माना जाता है कि यह परंपरा जर्मनी से शुरू हुई , जिसके अनुसार एक बीमार बच्चे को खुश करने के लिए उसके पिता ने फर के वृक्ष को सुंदर तरीके से तैयार करके उसे गिफ्ट दिया।

एक और मान्यता के अनुसार माना जाता है कि जब प्रभु यीशु का जन्म हुआ तब अपनी प्रसन्नता को व्यक्त करने के लिए समस्त देवताओं ने फर के वृक्ष को सजाया था तभी से इस वृक्ष को क्रिसमस ट्री का प्रतीक समझा जाता है और उसके बाद से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा प्रचलित हुई।

क्रिसमस केक का महत्व- Importance of Christmas Cake

क्रिसमस सेलिब्रेशन में केक का विशेष महत्व होता है, इस दिन केक काटकर प्रभु यीशु के जन्मदिन की खुशियां बांटी जाती हैं ईसाई समुदाय में इस दिन के लिए प्लम केक का विशेष महत्व है।

क्रिसमस की सजावट, कैरोल तथा उपहार -Decoration of Christmas, Carol and Gifts

क्रिसमस पर ईसाई समुदाय के लोग अपने घर व आसपास की जगहों को साफ सफाई करके सजाते हैं, भिन्न भिन्न प्रकार की खूबसूरत लाइटों से घरों तथा बाजारों को सजाया जाता है, क्रिसमस ट्री सजाया जाता है।

क्रिसमस के मौके पर चर्च मैं कैरोल ( प्रभु यीशु के धार्मिक गीत) गाए जाते हैं। सभी लोग अपने मित्रों रिश्तेदारों व पारिवारिक जनों को सुंदर उपहार देते हैं ।

क्रिसमस कार्ड- Christmas Cards 

क्रिसमस पर कार्ड का विशेष महत्व है इस अवसर पर लोग क्रिसमस कार्ड के जरिए अपने प्रिय जनों को शुभकामनाएं देते हैं। माना जाता है कि पहला क्रिसमस कार्ड 1842 ईस्वी में विलियम एंग्ले ने भेजा था।

सैंटा क्लॉज कौन थे? Who was Sainta Claus ? 

क्रिसमस की खूबसूरत परंपराओं में एक और परंपरा है – सैंटा क्लॉज !
इस पोस्ट में आपको बताते हैं सैन्टा क्लाज कौन थे ?  दोस्तों, लाल और सफेद रंग के कपड़े पहने लंबी सफेद दाढ़ी और सफेद बाल तथा कंधे पर उपहारों की पोटली लिए बर्फ की चादर से ढके उत्तरी ध्रुव से 8 उड़ने वाले रेन्डियर की स्लेज गाड़ी पर सवार होकर आने वाले व्यक्तित्व को हम सभी सैंटा क्लॉज के रूप में देखते हैं।

सैंटा क्लॉज को संत निकोलस के नाम से भी जाना जाता है, इन्हें फादर ऑफ क्रिसमस भी माना जाता है।कहा जाता है कि इनका जन्म यीशु की मृत्यु के लगभग 280 साल बाद मायरा में हुआ था, इन्होंने अपना पूरा जीवन यीशु को समर्पित कर दिया था।

लोगों की मदद करना उन्हें बहुत पसंद था, इसी वजह से वे यीशु के जन्मदिन के अवसर पर रात के अंधेरे में बच्चों को उपहार दिया करते थे, इसी कारण बच्चे आज भी सैंटा का इंतजार करते हैं।

क्रिसमस के साथ सैंटा का संबंध – Relation of Sainta Claus with Christmas

क्रिसमस के साथ सेंटा का कोई सीधा संबंध नहीं है तथापि वर्तमान में उनके बिना क्रिसमस की कल्पना नहीं की जा सकती। सैंटा क्लॉज (संत निकोलस) बहुत उदार दिल के व्यक्ति थे ईसा मसीह के जन्मदिन के अवसर पर वह किसी भी व्यक्ति को दुखी देखना नहीं चाहते थे।

इसलिए क्रिसमस के दिन लोगों को उपहार बांटते थे,उनकी मृत्यु के बाद वेश बदलकर सैंटा बनना और गरीब बच्चों को उपहार देना परंपरा बन गई बाद में यही संत निकोलस सैंटा क्लॉज के नाम से प्रसिद्ध हो गए। उनका यह नया नाम डेनमार्क के लोगों की देन है।

क्रिसमस डे के 8 प्रमुख कैरोल – Best 10 Christmas Carol

Essay on Christmas Day in Hindi में हम आपके लिए 10 बेस्ट कैरॉल लिख रहे हैं –

  • जिंगल बेल्स जिंगल बेल्स,
    जिंगल ऑल द वे,
    ओह! व्हाट फन इट इस टू राइड,
    एंड सुन मिस फन्नि ब्राइट….
  • क्रिसमस का ये मौसम प्यारा आओ नाचे गाए, बाहों में बाहें डाले जाएं,
    एक जोश दिल में भर दे, दीवाना सबको कर दे, तू सांसो की लय पे गुनगुनाए….
    बेथलहम के इस गौशाले में जीवन का उजाला है, खुद आसमां से उतरकर धरती पर आया है….
  • आवाज उठाएंगे, हम साज बजाएंगे,”है यीशु महान अपना”, ये गीत सुनाएंगे
    संसार की सुंदरता में, है रूप तो तेरा ही, इन चांद सितारों में, है अक्स तो तेरा ही
    महिमा की तेरी बातें, हम सबको बताएंगे, है यीशु महान अपना, गीत सुनाएंगे…
  • क्या दिन खुशी का आया
    रहमत का बादल छाया
    दुनिया का मुंजी आया
    आ…. हा…. हा….. हलेलुइया….
  • खामोश रातों की ठंडी हवाओं से
    आई फरिश्तों की मीठी आवाज…२
    पैदा हुआ पैदा हुआ
    मुक्ति दाता हमारा पैदा हुआ
    तारण दाता हमारा पैदा हुआ….२
  • गाने का दिल और बजाने का जीवन
    हम सब ने पाया है-२
    खुशी ये कैसी अनोखी
    दिल में यीशु आ गया….
  • मेरी रूह खुदा की प्यासी है-२
    जैसे हिरनी पानी के नालों को तरसती है , मेरी रूह खुदा की प्यासी है -२ ….
  • यीशु मसीह देता खुशी , करे महिमा उसकी….

क्रिसमस डे के विषय में 10 बहुत महत्वपूर्ण तथ्य- 10 Very Important facts about Christmas Day

जानिए 10 महत्वपूर्ण बातें क्रिसमस डे के बारे में –

  1. क्रिसमस के दिन से शुरू होने वाले 12 दिन के फेस्टिवल को क्रिसमसटाइड के नाम से जाना जाता है।
  2. एक पुस्तक के अनुसार क्रिसमस ट्री की शुरुआत 1570 ईस्वी में की गई।
  3. क्रिसमस के पर्व के लिए प्रतिवर्ष यूरोप में 60 मिलियन पेड़ उगाए जाते हैं।
  4. न्यू टेस्टामेंट पुस्तक के अनुसार इस पर्व की शुरुआत रोम में 336 ई0 में हुई।
  5. 26 जून 1870 मे क्रिसमस को पहली बार फेडरल हॉलिडे के रूप में घोषित किया गया बाद में इसे पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा।
  6. कई देशों में क्रिसमस को फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस और सेंट स्टीफेंस के नाम से भी जाना जाता है।
  7. 1842 ईस्वी में विलियम एंग्ले ने पहली बार क्रिसमस कार्ड भेजा था।
  8. भारत में 25 दिसंबर का दिन पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेई जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में गुड गवर्नेंस डे के तौर पर भी मनाया जाता है
  9. क्रिसमस को बड़ा दिन कहकर भी बुलाते हैं।
  10. क्रिसमस को नेटिविटी (Nativity) ,  यूल (Yule) तथा एक्समस(Xmas) आदि अन्य नामों से भी बुलाया जाता है।

You May Also Like

मैरी क्रिसमस पर शुभकामना संदेश – 5 Best Wishes Message on Merry Christmas

” हर किसी के दिल में हो हर एक लिए प्यार,
आने वाला दिन आ पके जीवन में लाए खुशियों का त्योहार।
नई उम्मीद के साथ भुला के सारे गम,
आओ हम सभी मिलकर कर लें क्रिसमस का वेलकम।। “

“देवदूत बनकर कोई आएगा,
तुम्हारी सारी इच्छाएं पूरी करके जाएगा।
क्रिसमस के इस शुभ दिन पर,
उपहार खुशियों के दे जाएगा।। “

“क्रिसमस पर आए सेंटा क्लाज बनकर उजाला,
खुल जाए आपकी किस्मत की खुशियों का ताला।
मुस्कुराते रहे सदा आप,
यह दुआ करता है आपका चाहने वाला।। “

“क्रिसमस है खुशियों और उमंगों का त्योहार,
हम दुआ करते हैं आपको मिले खुशियां अपार।
और इस मुकद्दस मौके पर हम कहते हैं,
आपको मुबारक हो ये क्रिसमस का हसीं त्यौहार।। “

” चांद ने अपनी चांदनी बिखेरी है,
और तारों ने आसमा को सजाया है।
लेकर तोहफा अमन और प्यार का,
देखो स्वर्ग से कोई फरिश्ता आया है ।। “

FAQ

प्रश्ऩ– 25 दिसंबर को कौन सा त्यौहार मनाया जाता है?

उत्तर – 25 दिसंबर को ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार क्रिसमस डे मनाया जाता है ।

प्रश्न – क्रिसमस डे कब और क्यों मनाया जाता है?

उत्तर – क्रिसमस डे प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को प्रभु यीशु के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

प्रश्न – भगवान ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में कौन सा त्यौहार मनाया जाता है?

उत्तर – भगवान ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में 25 दिसंबर को क्रिसमस त्योहार मनाया जाता है।

प्रश्न– क्रिसमसटाइड क्या है ?

उत्तर– क्रिसमस के दिन से शुरू होने वाले 12 दिन के फेस्टिवल को क्रिसमसटाइड के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न – गर्मियों में क्रिसमस का पर्व कहां मनाया जाता है?

उत्तर– गर्मियों में क्रिसमस का पर्व ऑस्ट्रेलिया में मनाया जाता है।

प्रश्न – 25 दिसंबर को बड़ा दिन क्यों कहते हैं?

उत्तर– 25 दिसंबर सूर्य के उत्तरायण होने का दिन है इसके बाद से दिन बड़े होने लगते हैं अतः इसे बड़ा दिन के नाम से भी जाना जाता है।

हमारे शब्द –

दोस्तों ये थी क्रिसमस डे के बारे में सम्पूर्ण जानकारी । आशा करता हूँ आपको ये लेख क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में | Essay on Christmas Day in Hindi, 2023 पसंद आया होगा , साथ ही ये आगामी परीक्षाओं की तैयारी में भी आपकी सहायता करेगा।
क्रिसमस पर उपरोक्त निबंध आपको कैसा लगा ?
हमें अपनी राय से अवश्य अवगत कराएं।

43 thoughts on “क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में | Essay on Christmas Day in Hindi, 2023”

  1. बहुत ही महत्वपूर्ण ज्ञान, क्रिसमस के विषय मे बहुत कुछ पहले से पता होने के बावजूद भी अनेक गूढ़ जानकारियां देखकर मैं हतप्रभ हूँ,
    आशा है आगे भी अनेक ज्ञानवर्धक लेख पढ़ने को मिलेंगे,
    Thanks sanJEEVNI HINDI

    Reply

Leave a Comment

error: Content is protected !!