हमारे देश की रक्षा के लिए समय-समय पर देश के अनेक वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। आज हम अपने देश के ऐसे ही एक जांबाज़, साहसी और जीवट देशभक्त सिपाही के बारे में जानेंगे जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने सुख, ऐशोआराम को त्याग कर देश की सेवा के लिए अपना सर्वस्व न्यौेछावर कर दिया।
भारतीय इतिहास में उस रणबांकुरे को पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम से जाना जाता है । तो दोस्तों आइए जानते हैं, ( Biography of Veer Chandra Singh Garhwali Hindi me | पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का जीवन परिचय ) लेख के माध्यम से इस जाँबाज़ योद्धा के बारे में |
महान क्रांतिकारी वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का जीवन परिचय , Biography of Veer Chandra Singh Garhwali Hindi me-
विभिन्न महापुरुषों के कथन –
बैरिस्टर मुकुंदी लाल ने इनके बारे में कहा- ” आजाद हिंद फौज का बीज बोने वाला वही है।
’’आई०एन०ए० (INA) के जनरल मोहन सिंह ने इनके बारे में कहा था- ’’ पेशावर विद्रोह ने हमें आजाद हिंद फौज को संगठित करने की प्रेरणा दी।’’
इनके बारे में गांधीजी का कथन था- “मेरे पास बड़े चंद्र सिंह गढ़वाली जैसे आदमी होते तो देश कभी का आजाद हो गया होता।’’
पंडित मोतीलाल नेहरू ने इनके बारे में कहा था-’’ वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को देश ना भूले उसे हमारे नेता और इतिहासकार कैसे भूल गए ?यह हमारे सामने एक गंभीर प्रश्न है जिस गढ़वाली ने पेशावर कांड द्वारा साम्राज्यवादी अंग्रेजों को यह बताया था। भारतीय सैनिकों की बंदूकों और संगीनों के बलबूते पर अब हिंदुस्तान पर शासन नहीं कर सकते, उसकी इतनी उपेक्षा क्यों हुई- इतिहासकारों को इसका जवाब देना होगा।’’
प्रश्न – चंद्र सिंह गढ़वाली का वास्तविक नाम क्या था?
उत्तर– चंद्र सिंह गढ़वाली का वास्तविक नाम चंद्र सिंह भंडारी था ।
प्रश्न – चंद्र सिंह गढ़वाली का जन्म कब हुआ?
उत्तर– चंद्र सिंह गढ़वाली जन्म 25 दिसंबर 1891 में हुआ था ।
प्रश्न– चंद्र सिंह गढ़वाली का जन्म कहां हुआ था ?
उत्तर-चंद्र सिंह गढ़वाली का जन्म ग्राम मासौं, चौथान पट्टी, सैणीसेरा( गढ़वाल) में हुआ था।
प्रश्न – वीर चंद्र सिंह गढ़वाली कौन थे ?
उत्तर – 23 अप्रैल 1930 को हवलदार मेजर चंद्र सिंह गढ़वाली के नेतृत्व में रॉयल गढ़वाल राइफल्स के जवानों ने निहत्थे देशभक्तों की सभा पर गोली चलाने से इनकार कर दिया था। तभी से भारतीय इतिहास में इन्हें पेशावर कांड का महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न– वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के पिता का क्या नाम था?
उत्तर– वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के पिता का नाम जलौथ सिंह था।
प्रश्न – पेशावर कांड कब हुआ?
उत्तर– पेशावर कांड 23 अप्रैल 1930 को हुआ।
प्रश्न – पेशावर कांड क्या था?
उत्तर – 23 अप्रैल 1930 को पेशावर में खान अब्दुल गफ्फार खान “सीमांत गाँधी” पठानों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे, अंग्रेज अधिकारी ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को उन निहत्थे पठानों पर गोली चलाने का आदेश दिया। परंतु वीर चंद्र सिंह गढ़वाली ने उन पठानों पर गोली चलाने से मना कर दिया और कहा – ” हम निहत्थे लोगों पर गोली नहीं चलाते ।” इसी घटना को पेशावर कांड के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न– गढ़वाल दिवस कब मनाया जाता है ?
उत्तर– उत्तराखंड राज्य में 2 सितंबर को गढ़वाली भाषा दिवस मनाया जाता है यह दिवस गढ़वाली भाषा को सम्मान दिलाने तथा 2 सितंबर 1994 को मसूरी गोलीकांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों के सम्मान में मनाया जाता है।
तो दोस्तों यह थी महान क्रांतिकारी, निडर , जीवट और सच्चे देशभक्त वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की जीवनी (Biography of Veer Chandra Singh Garhwali Hindi me | पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का जीवन परिचय ) जिससे हमें देश प्रेम तथा विस्तारवादी शक्तियों के सामने कभी ना झुकने की प्रेरणा मिलती है।
दोस्तों मेरे इस ब्लॉग का यह पहला Article लिखने का प्रयास आपको कैसा लगा Comment करके अवश्य बताएं, साथ ही अगर आपके कुछ सुझाव हैं तो अवश्य लिखिएगा । मेरा हमेशा प्रयास रहेगा कि अच्छे विषयों पर प्रेरणाप्रद तथा बहुमूल्य जानकारी आपके लिए हमेशा लाता रहूं। धन्यवाद!
अति सुंदर ऐसे ही और jeevni हिंदी में लिखकर हमें जानकारी दें ।
बोहोत ही अच्छी लेख।☺️
Wow very helpful article ✌️
Well done ✅