Doctor Bheemrav Ambedkar Ka Jivan Parichay | डॉ0 भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय, निबंध, जयंती 2023 |

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भारत के महान विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, संविधान निर्माण के अग्रणी शिल्पी, समाज सुधारक बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अंबेडकर (BabaSaheb Dr. Bhimrao Ambedkar ) का नाम भारत के इतिहास में स्वरणक्षरों में अंकित है, हमारे देश और समाज के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय है। 

उन्होंने उन दिनों देश में व्याप्त जातिवाद और छुआछूत को समाज से मिटाने के लिए कई आंदोलनों को जन्म दिया और दलित समाज के लिए जीवनभर संघर्ष करते रहे। 

आजादी से पूर्व हमारे समाज की संकीर्ण विचारधारा के कारण निम्न जाति के लोगों से कदम-कदम पर भेदभाव किया जाता था।

क्योंकि स्वयं इनका जन्म एक दलित परिवार में हुआ था अतः इनको अछूत की तरह से देखा जाता था। इन भेदभाव भरी परिस्थितियों  के कारण इनका बचपन मुश्किलों से भरा रहा। 

हमारे देश की आजादी के बाद ये जवाहर लाल नेहरू मंत्रिमंडल मे कानून मंत्री भी रहे, इन्होंने देश का संविधान निर्माण करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।

इसलिए इनको भारतीय संविधान का निर्माता भी कहा जाता है। इनके इन्ही श्रेष्ठ कार्यों व देश सेवा के लिए इन्हें  आधुनिक भारत का मनु संज्ञा दी गई और 1990 में “भारत-रत्न” से अलंकृत किया गया। 

ऐसे महान व्यक्ति के बारे में सुनकर हर व्यक्ति जानना चाहता है कि भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय, जीवनी  के बारे में हम कहाँ पढ़ सकते हैं।

तो दोस्तों  इस पोस्ट में हम आपको Doctor Bheemrav Ambedkar Ka Jivan Parichay के बारे में पूरे विस्तार से बताने जा रहे हैं। तो चलिए शुरू करते हैं। 

Table of Contents

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय | Dr Bhimrao Ambedkar Biography in Hindi

बिन्दु जानकारी
पूरा नामडॉ0 भीमराव अंबेडकर
अन्य नामबाबासाहेब अंबेडकर, भीम, भीमराव, भिवा 
जन्म की तारीख 14 अप्रैल 1891 
जन्म स्थान महू, इंदौर, मध्य प्रदेश (मध्य प्रांत, ब्रिटिश भारत)
गृह नगर महू 
वैवाहिक स्थिति विवाहित 
शिक्षा (स्कूल)  एलफिंस्टन हाई स्कूल, बॉम्बे 
शिक्षा (विश्वविद्यालयी) स्नातक –  अर्थशास्त्र,  राजनीति विज्ञान-  बॉम्बे  विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर-  अर्थशास्त्र- कोलंबिया विश्वविद्यालय
पीएचडी-अर्थशास्त्र- लंदन वि0वि0,
एलएलडी, एमएससी, डीएससी
धर्महिंदू,  बाद में बौद्ध धर्म 
पेशा वकील, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक
राष्ट्रीयताभारतीय 
प्रसिद्ध हैं  भारतीय संविधान के निर्माण के लिए
पॉलिटिकल पार्टी  शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन, स्वतंत्र लेबर पार्टी, भारतीय रिपब्लिकन पार्टी 
गैर राजनीतिक संगठन सामाजिक संगठन- बहिष्कृत हितकारिणी सभा, समता सैनिक दल  
शैक्षिक संगठन-  डिप्रेस्ड क्लासेस एजुकेशन सोसाइटी, द बॉम्बे शेड्यूल्ड कास्ट्स इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, पीपल्स एजुकेशन सोसाइटी धार्मिक संगठन-  भारतीय बौद्ध महासभा 
पुरस्कार और सम्मान  बोधिसत्व (1956)  
भारत रत्न (1990) 
फर्स्ट कोलम्बियन अहेड ऑफ देअर टाइम (2004)
द ग्रेटेस्ट इंडियन  (2012) 
देहावसान (मृत्यु)   6 दिसंबर 1956  
मृत्यु स्थल दिल्ली
स्मारकडॉ0 अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक, नई दिल्ली  
मृत्यु का कारण मधुमेह ( शुगर)  की बीमारी 
मृत्यु के समय उम्र 65 वर्ष 
समाधि स्थल चैत्यभूमि, मुंबई 
सम्मान (मरणोंपरांत)सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न 
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Doctor Bheemrav Ambedkar Ka Jivan Parichay
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भीमराव अंबेडकर जी का जन्म व प्रारंभिक जीवन-Doctor Bheemrav Ambedkar Ka Jivan Parichay

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जन्म ब्रिटिश भारत के मध्य प्रदेश के इंदौर में महू नामक सैन्य छावनी में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। बचपन में इनको भिवा के नाम से पुकारा जाता था।

बाबा साहेब के पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल था और माता का नाम भीमाबाई मुरबादकर था। इनके पिता ब्रिटिश फौज में सूबेदार थे और सेना के स्कूल में कुछ समय तक अध्यापक भी रहे।  

बाबा साहेब अपने माता-पिता की 14 संतानों में अंतिम संतान थे। ये मराठी परिवार से संबंध रखते थे। 1894 में इनके पिता के रिटायर होने के बाद  इनके पिता सपरिवार महाराष्ट्र के सतारा में बस गए।

बाद में इनकी माता की मृत्यु के बाद इनके पिता दूसरा विवाह करके बॉम्बे में ही बस गए।इनका परिवार महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के अंबावडे नगर से संबंध रखता था। ये महार जाति से थे जो अछूत मानी जाती थी।

इनके पिता ने स्वयं भी अंग्रेजी और मराठी में औपचारिक शैक्षिक डिग्री प्राप्त की हुई थी अतः वे शिक्षा के महत्व को समझते हुए इनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान देते थे। 

अंबेडकर जी ने बचपन से झेला भेदभाव व तिरस्कार –

अंबेडकर जी महार जाति में पैदा हुए थे जिसे उन दिनों नीचा समझा जाता था, इसी कारण इन्होंने बचपन से ही कदम-कदम पर भेदभाव और तिरस्कार झेला। यहाँ तक कि आर्मी स्कूल में भी उन्हे यह सब फेस करना पड़ा। 

उनकी जाति के छात्रों को क्लास रूम में बैठने नहीं दिया जाता था, पीने के पानी को छूने की उन्हें इजाज़त नहीं थी।

स्कूल का चपरासी उन्हें ऊपर से बर्तन से गिराकर पानी पिलाता, ऐसे में जब कभी चपरासी स्कूल नहीं आता तो उस दिन वे बच्चे प्यासे ही रहते।  

भीमराव अंबेडकर की शिक्षा- Bhimrao Ambedkar Education

इनके परिवार के पहले सतारा और फिर बॉम्बे में बस जाने के कारण इनकी शिक्षा वहीं हुई। 1906 में  महज 15 वर्ष की आयु में इनका विवाह रमाबाई से हो गया, उस वक़्त वे 9 साल की थीं। ये प्रारंभ से ही पढ़ाई में बहुत अच्छे थे।  

प्राथमिक शिक्षा- 

इनकी प्रारम्भिक शिक्षा सतारा के एक शासकीय स्कूल (वर्तमान में प्रताप सिंह हाई स्कूल)  में हुई। जाति के कारण अनेक तिरस्कारपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हुए इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। 

माध्यमिक शिक्षा-

सतारा से इनका परिवार 1897 में  मुंबई में स्थानांतरित हो गया और फिर मुंबई में ही एक शासकीय स्कूल, जो कि  एलफिंस्टन रोड पर  स्थित था, में इन्होंने आगे की शिक्षा पूर्ण की।  

हाई स्कूल में उनका उपनाम सकपाल के स्थान पर, आंबडवे  गांव से संबंधित होने के कारण,  आंबडवेकर  करा दिया गया था। 

बाद में उनके एक अध्यापक ने इस उपनाम को और सरल करते हुए अंबेडकर कर दिया था। उन दिनों इनके पिताजी को आर्थिक तंगी होने लगी।

पिता के एक मित्र उन्हें बड़ौदा के शासक गायकवाड़ के पास ले गए, उन्होंने अंबेडकर जी की पढ़ाई के लिए मदद की। अंबेडकर जी ने 12 वीं कक्षा 1908 में पास की। 

उच्च शिक्षा (बॉम्बे विश्वविद्यालय )

12वीं की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद इन्होंने एलफिंस्टन कॉलेज में दाखिला लिया। एलफिंस्टन कॉलेज मुंबई विश्वविद्यालय से  संबद्ध था।

इन्हें बड़ौदा के शासक गायकवाड़ जी से प्रतिमाह 25 रु0 वजीफे के रूप में मिलने लगे थे। इन्होंने 1912 में अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान विषय में कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 

उच्च शिक्षा (कोलंबिया विश्वविद्यालय, लंदन कॉलेज ऑफ इकोनोमिक्स) 

ग्रेजुएशन के बाद इन्होंने कुछ समय तक बड़ौदा की सेवा की और फिर गायकवाड़ से मिलने वाली वजीफे की धनराशि की मदद से पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए।

वहाँ उन्होंने कोलम्बिया विश्वविद्यालय से 1915 में अर्थशास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन (MA) किया।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अध्ययन के दौरान अंबेडकर जी ने 1913 से 1915 के बीच भारतीय व्यापार पर एक शोध पत्र लिखा। यह शोध प्रबंध रचनावली के 12 वें खंड में प्रकाशित किया गया है।

इसी दौरान वे अमेरिका के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो0 सैलिगमैन के संपर्क में आए और उन्ही के अंडर में उन्होंने 1917 में कोलम्बिया विश्वविद्यालय से ‘नेशनल डेवलपमेंट फॉर इंडिया : ए हिस्टोरीकल एंड एनालिटिकल स्टडी’ विषय पर PhD की।

यहीं से उन्होंने एल0एल0डी0 की उपाधि भी प्राप्त की।उसी साल उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स  में एडमिशन लिया परंतु आर्थिक कारणों से अपने पढ़ाई पूरी न कर सके,और भारत वापस आ गए।

स्वदेश वापस आने के बाद कुछ समय तक वे बड़ौदा के मिलिट्री सेक्रेटरी पद पर रहे। उसके बाद वह बड़ौदा से मुंबई आ गए। 

यहां  उन्होंने सिडेनहैम कॉलेज, बम्बई  में राजनीतिक अर्थशास्त्र  के प्रोफेसर पद पर कार्य किया। इसी दौरान वे डिप्रेस्ड क्लासेस कॉन्फ्रेंस में इंवॉल्व रहे और उन्होंने सक्रिय राजनीति में भी शुरुआत की।

इसके कुछ समय बाद उन्होंने फिर से इंग्लैंड जाकर लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से अपनी शेष पढ़ाई को पूरा किया और एम0एस0सी0 व डी0एस0सी0  की डिग्रियां पूर्ण की।

इस प्रकार मेहनती, लगनशील बाबासाहेब ने  तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी एम0ए0, पीएच0डी0,  एम0एस0सी0, डी0एस0सी0 और  बार-एट-लॉ  की डिग्रियां हासिल की।

अगर यह कहा जाए कि देश के आजाद होने से पूर्व  बाबासाहेब देश के सर्वाधिक शिक्षा प्राप्त व्यक्ति थे  तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

इन्होंने सारा जीवन दलितों और अछूतों के साथ किए जाने वाले भेदभाव को दूर करने के लिए संघर्ष किया। 

Doctor Bheemrav Ambedkar Ka Jivan Parichay
Doctor Bheemrav Ambedkar Ka Jivan Parichay

भीमराव अंबेडकर जी का परिवार – Dr Bhimrao Ambedkar Family

संबंध नाम
पिता  रामजी मालोजी सकपाल
माता भीमाबाई सकपाल 
दादा मालोजी सकपाल 
भाईआनंद राव, बलराम
बहनगंगाबाई, रमाबाई, तुलसी, मंजुला
पत्नी रमाबाई अंबेडकर (1906-1935 ) मृत्यु तक 
डॉ0 सविता अंबेडकर (1948-1956) 
पुत्र यशवंत, रमेश, गंगाधर और राजरत्न
पुत्री इंदु 

भीमराव अंबेडकर जी का वैवाहिक जीवन –

1906 में बहुत छोटी उम्र में डॉ0 भीमराव अंबेडकर जी का  विवाह हो गया था।  यह उस समय मात्र 15 वर्ष के थे और पांचवी कक्षा में पढ़ते थे।

इनका विवाह रमाबाई  से हुआ जिन की  उम्र उस समय महज 9 वर्ष की थी। इन के 4 पुत्र थे यशवंत,  रमेश, गंगाधर और राजरत्न। एक पुत्री भी थी जिसका नाम इंदु था।

बाबासाहेब के जीवन का दुखद पहलू था कि  यशवंत  के अतिरिक्त इनके 5 में से 4 बच्चों की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी।  फिर  लंबी बीमारी के बाद 1935 में इनकी पत्नी रमाबाई भी  स्वर्ग सिधार गईं । 

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अंबेडकर जी का दूसरा विवाह –

1940 के दशक  के अंत के समय में बाबासाहेब अनिद्रा की समस्या से पीड़ित थे,  उनके पैरों में न्यूरोपैथिक दर्द की समस्या थी, मधुमेह होने के कारण वे इंसुलिन के साथ-साथ होम्योपैथिक  दवाएं  ले रहे थे। 

अपनी समस्याओं के इलाज के लिए  वह  बॉम्बे  गए,  वहां डॉक्टर शारदा कबीर से उनकी मुलाकात हुई।  इन्हीं डॉक्टर शारदा कबीर के साथ उन्होंने 15 अप्रैल 1948 को दिल्ली में विवाह कर लिया।  

विवाह के बाद डॉ शारदा कबीर ने अपना नाम बदलकर सविता अंबेडकर रख लिया। डॉक्टर सविता अंबेडकर को  ‘माईसाहेब’ या  ‘माई’  के नाम से पुकारा जाता था। महरौली, नई दिल्ली  में 29 मई 2003 को 93 वर्ष की अवस्था में इनका निधन हो गया। 

बाबासाहेब आंबेडकर का कैरियर – BabaSaheb Ambedkar Career

दुनिया भर के  प्रसिद्ध कालेजों से डिग्रियां प्राप्त करके अंबेडकर जी ने  सर्वप्रथम अपना कैरियर अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के पद पर शुरू किया। बाद में उन्होंने  वकालत में भी काम शुरू किया।

वकालत करते वक्त उन्होंने समाज के पिछड़े और दलित लोगों के साथ किए जाने वाले छुआछूत और भेदभाव के विरुद्ध भरसक प्रयास किए और अंत में उन्होंने भारतीय राजनीति में प्रवेश किया।

और फिर देश आजाद होने के बाद  भी  अपने जीवन के अंत तक  इसी क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहे।

संविधान निर्माण में  डॉक्टर अंबेडकर  का योगदान- 

देश के अनेक रणबांकुरों के संघर्ष और बलिदानों के परिणाम स्वरूप 15 अगस्त 1947 को हमारा देश तो आजाद हो गया।

परंतु हमारे देश में चलने वाली व्यवस्था अभी भी ब्रिटिश हुक्मरानों के बनाए कानूनों के अनुसार चल रही थी। 

ब्रिटिश सत्ता से पूर्ण आजादी पाने और देश में पूर्ण लोकतंत्र की स्थापना के लिए अपने स्वदेशी  संविधान की आवश्यकता थी।

देश के संविधान को बनाने की कवायद के चलते संविधान की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी को बनाया गया। 

संविधान निर्माण में  अग्रणी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बाबासाहेब को भारतीय संविधान का जनक भी कहा जाता है। 

डॉ0 भीमराव अंबेडकर का राजनीतिक जीवन– Dr. Bhimrao Ambedkar Political Life

देश-विदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों से कई महत्वपूर्ण डिग्रियां प्राप्त करने के बाद बाबासाहेब ने कई पदों पर कार्य करने के बाद भारतीय राजनीति में कदम रखा।

इनका राजनीतिक जीवन 1926 से शुरू हुआ। इन्होंने 1956 तक अपने राजनीतिक जीवन में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए अपने कार्यों से हमेशा देश की सेवा की।

तो दोस्तों, आइए हम अपने इस लेख History of Dr. Bhimrao Ambedkar in Hindi में नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से बाबासाहेब के राजनीतिक जीवन के बारे में आपको जानकारी देते हैं। 

  • डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को 1926 में बॉम्बे  के गवर्नर के द्वारा बॉम्बे  की विधानसभा का सदस्य नामित किया गया। और उसके बाद वह इस पद पर निर्वाचित भी हुए। 
  • अंबेडकर जी को 13 अक्टूबर 1935 को  गवर्नमेंट लॉ कॉलेज का  प्रिंसिपल नियुक्त किया गया।
  • वे  दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज के गवर्निंग बॉडी  के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत रहे।
  • भीमराव अंबेडकर ने मुंबई में एक विशाल तीन मंजिला घर का निर्माण कराया इसका नाम राजगृह था।  इस घर में उन्होंने एक विशाल पुस्तकालय का भी निर्माण कराया जिसमें 50,000 से अधिक पुस्तकें उपलब्ध थी उस दौर में  यह विश्व का सबसे बड़ा व्यक्तिगत पुस्तकालय था।
  • अंबेडकर जी ने Annihilation of Caste (जाति प्रथा का विनाश)  नामक एक पुस्तक लिखी  जो 15 मई 1936  को  प्रकाशित हुई।
  • बाबासाहेब ने 1936 में स्वतंत्र रूप से अपनी एक पार्टी की स्थापना की जिसका नाम उन्होंने स्वतंत्र लेबर पार्टी रखा। उनकी पार्टी ने केंद्रीय विधानसभा में 1937 में 15 सीटें जीती।
  • भीमराव अंबेडकर  ने 1942 से 1946 तक  भारत के वायसराय  की कार्य  परिषद में  श्रम मंत्री के रूप में कार्य किया।
  • भीमराव अंबेडकर जी 29 अगस्त 1947 से 24 जनवरी 1950 के बीच  भारतीय संविधान निर्माण के लिए निर्मित संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष पद पर रहे।
  • देश की आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में बाबासाहेब देश के पहले कानून व न्याय मंत्री बने। इस पद से उन्होंने 27 सितंबर 1951 को इस्तीफा दे दिया।
  • 30 सितंबर 1956 को ‘अनुसूचित जाति महासंघ’  को स्थगित करके ‘ रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया’  के निर्माण की घोषणा की परंतु इसके गठन से पूर्व 6 दिसंबर 1956 को उनका देहावसान हो गया। 
  • अपने जीवन में बाबासाहेब महात्मा ज्योतिबा फुले,  महान संत कबीर दास और गौतम बुद्ध जी को अपना आदर्श और गुरु मानते थे। 

अपने उपरोक्त गौरव पूर्ण कार्यों के अलावा बाबासाहेब ने  महत्वपूर्ण लेखन कार्य  भी किया जिसमें उन्होंने देश के इतिहास, दर्शन, राजनीति और आर्थिक विकास आदि समस्याओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं।

रचनावली

रचनावली डॉ0 बी0आर0 अंबेडकर साहब की प्रसिद्ध रचना है। महाराष्ट्र सरकार के द्वारा उनकी यह रचना अंग्रेजी में ‘Dr. Babasaheb Ambedkar Writings and Speeches’ नाम से प्रकाशित की गई।

तथा ‘बाबा साहब डॉ0 अंबेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय’ के नाम से यही रचना  भारत सरकार द्वारा हिंदी में प्रकाशित की गई है। 

बाबासाहेब  अन्य विचारकों  की ही भांति समाज की  ज्वलंत समस्याओं पर  निरंतर गहन विचार करते थे। यही विचार करते हुए उन्होंने सूत्रों पर एक पुस्तक लिखी जिसका प्रकाशन 1946 में हुआ। 

Doctor Bheemrav Ambedkar Ka Jivan Parichay
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समाज सुधार व छुआछूत के खिलाफ संघर्ष- 

दलित समाज के उत्थान के लिए  अंबेडकर जी ने अपना संघर्ष शुरू किया तथा वे दलित वर्ग के लिए आधिकारों की समानता के लिए आगे  बढ़े। बाबासाहेब ने ‘All India Classes Association’ नामक संगठन का निर्माण किया। 

बीसवीं शताब्दी के तीसरे दशक में दक्षिण भारत के  दलित समाज के लोगों ने ‘The Self Respect Movement’ शुरू किया। इसका उद्देश्य दलित समाज के साथ किए जाने वाले भेदभाव को  दूर करना था।

उन दिनों लगभग पूरे भारत में दलित समाज के लोगों ने  धार्मिक संस्थाओं में उनके प्रवेश पर प्रतिबंधों के खिलाफ कई आंदोलनों को जन्म दिया।

हालांकि ब्रिटिश भारत में यह आंदोलन पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सके। अतः यह स्पष्ट था कि  समाज सुधार कार्य हमारे स्वतंत्र भारत की कोई सरकार ही कर सकती थी। बाद में भारतीय संविधान में अस्पृश्यता (छुआछूत) को अवैध घोषित कर दिया गया।

संविधान के ‘नीति निर्देशक तत्व’ में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है और उसके आधार पर अब स्नान घाट, सिनेमा, रेस्टोरेंट, तालाब, कुएं, स्कूल, मंदिर आदि स्थानों पर जाति के आधार पर प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते।

डॉ अंबेडकर ने अछूतों के मंदिरों में प्रवेश करने के अधिकार  के लिए भी अपने जीवन में संघर्ष किया। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में अविस्मरणीय भूमिका निभाई और अछूतों व दलितों के साथ होने वाले भेदभाव व छुआछूत पर रोक लगाई। 

1947 में भारत सरकार के कानून मंत्री बने और अपने घटते प्रभाव से क्षुब्ध होकर अपने पद से 1951 में  इस्तीफा दे दिया। 

स्वतंत्र लेबर पार्टी की स्थापना –

डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) ने 1936 में स्वतंत्र लेबर पार्टी की स्थापना की। उनकी इस पार्टी ने केन्द्रीय विधान सभा के 1937 के चुनावों में 15 सीटें जीतीं।

Annihilation of Caste’ नामक उनकी पुस्तक इसी वर्ष में प्रकाशित हुई। इस पुस्तक में उन्होंने  समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था की कड़ी  आलोचना की। 

बाबासाहेब द्वारा धर्म परिवर्तन –

अपने समय के सर्वाधिक बुद्धिजीवियों में शुमार किए जाने वाले बाबासाहेब  अपने धर्म की जाति व्यवस्था से खुश नहीं थे जिसके कारण उन्हें समाज से अछूत नाम मिला था। 

इसी जाति व्यवस्था, दलितों के प्रति संकुचित दृष्टिकोण  को वे पूरा जीवन परिवर्तित करने का प्रयास करते रहे परंतु इस मानसिकता को वे ना बदल सके। 

परिणाम स्वरूप डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने नासिक के येवला में 13 अक्टूबर 1935 को हुए एक सम्मेलन में अपने धर्म परिवर्तन की घोषणा की।

इस घोषणा के बाद 21 वर्षों तक बाबासाहेब ने कई धर्मों का अध्ययन किया और अंत में 14 अक्टूबर 1956 को उन्होंने अपने अनगिनत अनुयायियों के साथ सामूहिक रूप से बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया। 

संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका –

देश की आजादी के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली नई सरकार में अंबेडकर जी को कानून एवं न्याय मंत्री बनाया गया। 29 अगस्त 1947 को भीमराव अंबेडकर  जी को भारत के संविधान के  गठन के लिए बनाई गई संविधान की मसौदा समिति  का अध्यक्ष बनाया गया।

बाबासाहेब अंबेडकर जी  बहुत बुद्धिमान एवं गंभीर विचारक थे उन्होंने दुनिया के लगभग 60  देशों के संविधान का बारीकी से अध्ययन किया।

और  उसके बाद  अलग-अलग देशों के संविधान से प्रेरणा लेते हुए एक सर्वथा संतुलित संविधान  तैयार किया। इस संविधान को 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के द्वारा अंगीकार किया गया।

भीमराव अंबेडकर की पुस्तकें व अन्य रचनाएँ –

बाबा साहेब की  पढ़ने और लेखन में  गहरी रुचि थी उन्होंने अपने जीवन काल में बहुत सी पुस्तकों व रचनाओं के माध्यम से दलित समाज के लोगों की समस्याओं और छुआछूत  की कुप्रथा  के बारे में अपने विचार लिखे। वे 11 भाषाओं का ज्ञान रखते थे।  

उन्होंने 32 पुस्तकें और मोनोग्राफ लिखे,  जिनमें 22 पूर्ण  तथा 10 अपूर्ण पुस्तकें,  10 अनुसंधान दस्तावेज,  10 ज्ञापन, साक्ष्य और वक्तव्य,  लेख और पुस्तकों की समीक्षा,  10 प्रस्तावना और भविष्यवाणी  उनकी अंग्रेजी भाषा की रचनाएं में  शामिल हैं। 

उनके द्वारा लिखित  प्रमुख पुस्तकें  biography of bhimrao ambedkar in hindi में यहां दी जा रही हैं।

क्रमांक पुस्तक/लेख प्रकाशन वर्ष
1.Administration and finances  of the East India Company (MA Thesis)
2. The Evolution of  Provincial Finances   in British India (PhD Thesis)1917, 1925 
3. The Problem of the Rupee :  it’s Origin and its Solution (DSC Thesis)1923 
4. Annihilation of CasteMay 1936
5. Which Way to EmancipationMay 1936
6. Federation Versus Freedom 1936
7. Pakistan and The Partition of India/Thaughts on Pakistan1940 
8. Rana De,  Gandhi  and  Jinnah1943
9. Mr Gandhi and the  Emancipation of the Untouchables September 1945
10. What Congress and Gandhi have Done to the UntouchablesJune 1945
11. Communal Deadlock and a Way to Solve itMay 1946
12. Who Were  the Shudras ?October 1946
13. A critic of the Cabinet Missions Proposals for Changes in the Indian Constitution With Reference to Their Effect on the Scheduled Tribes ( Untouchables)1946
14. The Cabinet Mission and the Untouchables 1946
15. States and Minorities 1947
16. Maharashtra as a linguistic Province State 1948
17. The Untouchables : Who were they are why they Become UntouchablesOctober 1948
18. Thoughts on linguistic States : States Reorganisation Commission Critic of the Proposals of1955
19. The Buddha and his Dhamma1957
20. Riddles in Hinduism   –
21.Dictionary of Pali language (Pali-English)  –
22.The Pali Grammar  –
23.Waiting for a Wisa  –
24.A people at Bay  –
25.The Untouchables  and the Children of India’s Ghettos   –
26.Can I Be A Hindu?  –
27.What the Brahmins Have Done to the Hindus  –
28.Essays of Bhagwat Geeta   –
29.India and Communism  –
30.Revolution and Counter  Revolution in Ancient India   –
31.The Buddha and Karl Marx  –
32.Constitution and Contitutionalism  –

डॉ भीमराव अंबेडकर एवं पत्रकारिता – 

समाजसेवी, अर्थशास्त्री, एवं अधिवक्ता होने के साथ-साथ डॉक्टर अंबेडकर एक सफल पत्रकार और संपादक भी थे।

उनका मानना था कि देश का विकास और समाज के निर्बलतम व्यक्ति का  विकास तभी संभव है जब समाज में जागरूकता होगी,  और यह जागरूकता शिक्षा और अखबार के माध्यम से लाई जा सकती थी।

बाबासाहेब ने शोषित समाज में जागृति लाने के लिए कई समाचार पत्र-पत्रिकाओं का संपादन और प्रकाशन किया। उनके इस प्रयास ने उनके आंदोलनों  को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

भीमराव अंबेडकर ने अपने सभी पत्र-पत्रिकाएं मराठी भाषा में प्रकाशित किए क्योंकि मराठी महाराष्ट्र की जन-जन की भाषा थी और उनका कार्यक्षेत्र यही था।  वहां की जनता अधिक पढ़ी-लिखी नहीं थी और वे केवल मराठी भाषा ही बोलते समझते थे।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 5 मराठी पत्रिकाओं का संपादन किया  जिनके नाम इस प्रकार हैं –

  1.  मूकनायक              –  1920
  2.  जनता                    –  1930
  3.  बहिष्कृत भारत        –  1927
  4.  समता                   –  1928 
  5.  प्रबुद्ध भारत             – 1956

अपनी इन पांचों पत्रिकाओं में  अंबेडकर जी भारत की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर अपने विचार साझा करते थे। 

भीमराव अंबेडकर  के जीवन पर फिल्में व धारावाहिक-

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर  का संपूर्ण जीवन  अपने आप में  एक शैक्षिक संस्था के समान है,  हमें उनके जीवन के हर पहलू से  कुछ ना कुछ शिक्षा अवश्य मिलती है। 

उनके प्रेरणाप्रद जीवन के आदर्शों को  अपने जीवन में उतारने के लिए तथा उनसे प्रेरणा लेने के लिए  भारतीय समाज में समय-समय पर कई फिल्में धारावाहिक पुस्तकें या गाने  बनते रहे हैं। 

दोस्तों, डॉ0 भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय | Doctor Bheemrav Ambedkar Ka Jivan Parichay  के  इस लेख  में हम आपको  उनके जीवन पर आधारित फिल्मों के  नाम बताते हैं। 

क्रम संख्याफिल्म का नामनिर्देशकभाषावर्ष
भीम गर्जनाविजय पवार मराठी 1990
बालक अंबेडकरबसवराज  केत्थूर  कन्नड़ 1991
 युगपुरुष डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरशशिकांत नालवडे  मराठी  1993
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरजब्बार पटेल अंग्रेजी 2000 
डॉ. बी0 आर0 आंबेडकरशरण कुमार कब्बूर कन्नड़ 2005 
 तीसरी आजादीजब्बार पटेल हिंदी 2006
 रायजिंग  लाइट (डॉक्यूमेंट्री फिल्म)       –    – 2006
 रमाबाई भीमराव अंबेडकरप्रकाश जाधव मराठी 2010
 रुद्रा :  द राइजिंग प्रकाश जाधव हिंदी 2010
10 अ जर्नी ऑफ सम्यक बुद्ध     –हिन्दी 2013 
11 रमाबाई एम0 रंगनाथ कन्नड़ 2016 
12 बोले इंडिया जय भीम सुबोध नागदेवे  मराठी2016 
13 शरणं  गच्छामि प्रेम राज तेलुगू 2017
14 बाल भीमराव प्रकाश नारायण मराठी2018 
15  रमाई बाल  बरगले  मराठी
16  पेरियार राजशेकरण तमिल 2007

टीवी  धारावाहिक – 

क्रम संख्याधारावाहिक का नामअभिनेतामीडिया प्लेटफार्मभाषावर्ष
डॉ0 अंबेडकर सुधीर कुलकर्णीडीडी नेशनल हिंदी   –
 प्रधानमंत्री सुरेंद्र पाल एबीपी न्यूज़ हिंदी 2013-14
 संविधान सचिन खेडेकर राज्यसभा टीवी हिंदी 2014
 सर्वव्यापी अंबेडकर       –एबीपी माझामराठी 2016 
गरजा महाराष्ट्र प्रशांत चौडप्पा  सोनी मराठी मराठी 2018-19
डॉ बाबासाहेब अंबेडकर : महामानवाची गौरवगाथा सागर देशमुख स्टार प्रवाह मराठी 2019
एक महानायक :  डॉ बी आर अंबेडकर आरव श्रीवास्तव एंड टीवी हिंदी 2019

पुरस्कार, सम्मान व मानद उपाधियाँ – 

 डॉ0 अंबेडकर को निम्नलिखित  सम्मान और पुरस्कारों  से सम्मानित किया गया-

पुरस्कार/उपाधि वर्ष/संस्थान
भारत रत्न (सर्वोच्च नागरिक सम्मान)1990 ( मरणोपरांत)
डॉक्टर ऑफ लॉज (एलएलडी)1952,  कोलंबिया यूनिवर्सिटी, यूएसए
डॉक्टर ऑफ लिटरेचर ( डी.लिट.)1953,  उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद

भीमराव अंबेडकर जयंती 2023 – Ambedkar Jayanti 2023

हर साल अंबेडकर जयंती, बाबासाहेब अंबेडकर जी के जन्मदिन 14 अप्रैल को मनाई जाती है। इस साल अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल 2023, शुक्रवार को होगी।  

अंबेडकर जी की मृत्यु एवं उसके कारण –

भीमराव अंबेडकर जी देश की आजादी के बाद 1948 से मधुमेह बीमारी से ग्रस्त थे। इनकी हालत जून 1954 से बिगड़ने लगी और काफी नाजुक हो चुकी थी,  राजनीतिक मुद्दों  और 1955 में कार्य की अधिकता ने  उन्हें जर्जर कर दिया। 

उन्होंने अपनी अंतिम पांडुलिपि बुद्ध और धम्म  को पूर्ण किया और उसके लगभग 3 दिन बाद 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में देश के इस महानायक का निधन हो गया चौपाटी के समुद्र तट पर 7 दिसंबर को बौद्ध धर्म के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया।

उनकी अंतिम यात्रा में उनके लाखों समर्थक और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। चैत्य भूमि,  मुंबई ( महाराष्ट्र)  में इनका समाधि स्थल स्थित है। इनका  एक स्मारक उनके दिल्ली वाले घर 26 अलीपुर रोड में भी बनाया गया है। 

बाबा साहेब का जन्मदिन  हर साल  14 अप्रैल  को  अंबेडकर जयंती के रूप में पूरे देश भर में मनाया जाता है और इस दिन देश में सार्वजनिक अवकाश होता है। बाबा साहब ने अपने अनुयायियों को हमेशा एक संदेश दिया –

शिक्षित बनो !!!,  संगठित रहो !!!,  संघर्ष करो !!!

निष्कर्ष – Conclusion

बाबासाहेब डॉ0 भीमराव अंबेडकर हमारे देश के एक महान विचारक,  अर्थशास्त्री, धर्म और दर्शन के विद्वान  तथा संविधान के निर्माता थे। उन्होंने जीवन पर्यंत समाज के निर्बल और दलित  वर्ग के लिए  संघर्ष किया। 

हम बाबासाहेब द्वारा किए गए अतुलनीय,  मूल्यवान  योगदान के लिए सदैव उनके ऋणी रहेंगे। 

डॉ0 अंबेडकर को समर्पित स्मारक और संग्रहालय

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को सम्मान देने तथा उन्हें हमेशा स्मरण रखने के लिए दुनिया भर में उनके संग्रहालय और स्मारक बनाए गए हैं, यहां हम उनसे जुड़े ऐसी ही कुछ संग्रहालय और स्मारकों के बारे में आपको बता रहे हैं।

स्मारक/संग्रहालय स्थान
बाबासाहेब आंबेडकर वस्तु संग्रहालयशांतिवन, चिचोली गांव, नागपुर
भीम जन्मभूमि- डॉक्टर अंबेडकर नगरमहू, मध्य प्रदेश
अंबेडकर मेमोरियल पार्कलखनऊ, उत्तर प्रदेश
डॉ0 अंबेडकर मणिमंडपमचेन्नई
डॉ0 अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक26 अलीपुर रोड, नई दिल्ली
डॉ0 बाबासाहेब आंबेडकर सामाजिक न्याय भवनमहाराष्ट्र के लगभग हर जिले में
डॉ0  बी0आर0 अंबेडकर मेमोरियल पार्कअमरावती, आंध्र प्रदेश 
डॉ भीमराव राम जी अंबेडकर स्मारकलंदन,  इंग्लैंड
भारत रत्न डॉ0 बाबासाहेब आंबेडकर स्मारकएरोली,  मुंबई, महाराष्ट्र
चैत्यभूमिमुंबई, महाराष्ट्र
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर संग्रहालय और स्मारकपुणे, महाराष्ट्र
डॉ0 बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक (स्टैचू ऑफ इक्वलिटी)मुंबई, महाराष्ट्र
राजगृहदादर, मुंबई
डॉ0 अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटरदिल्ली
भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाकोयासन  यूनिवर्सिटी, जापान
दीक्षाभूमिनागपुर, महाराष्ट्र 
डॉ0 बाबासाहेब अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारकमहाड,  महाराष्ट्र
भारत रत्न डॉ0 बाबासाहेब आंबेडकर मुक्ति भूमि स्मारकयेवला,  नासिक, महाराष्ट्र

FAQs

प्रश्न –  डॉ0 भीमराव अंबेडकर का जन्म कब और कहां हुआ था ?

उत्तर – डॉ0 भीमराव अंबेडकर का जन्म  14 अप्रैल 1891 को मऊ,  मध्य प्रदेश की सैन्य छावनी में हुआ था।

प्रश्न – डॉ0 भीमराव अंबेडकर के पास कितनी डिग्री थीं ?

उत्तर –  इनके पास 32 डिग्रियां थीं। 

प्रश्न –  बाबासाहेब की मृत्यु  कैसे हुई ?

उत्तर –  बाबा साहेब की मृत्यु  लंबे समय तक  मधुमेह ( डायबिटीज)  से पीड़ित रहने के कारण हुई।

प्रश्न – भीमराव अंबेडकर को किसने पढ़ाया था ?

उत्तर – भीमराव अंबेडकर को बड़ौदा के शासक गायकवाड़ ने आर्थिक सहायता देकर पढ़ाया। 

प्रश्न – भीमराव अंबेडकर का जन्म  कहां हुआ था ?

उत्तर – भीमराव अंबेडकर का जन्म  महू,  मध्यप्रदेश में हुआ था। 

प्रश्न –  भीमराव अंबेडकर की माता का नाम ?

उत्तर –  भीमराव अंबेडकर की माता का नाम भीमाबाई सकपाल था। 

प्रश्न – भीमराव अंबेडकर का पूरा नाम ?

उत्तर –  भीमराव अंबेडकर का पूरा नाम  भीमराव रामजी अंबेडकर था।

प्रश्न – भीमराव अंबेडकर की मृत्यु कब हुई थी ?

उत्तर – भीमराव अंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में हुई। 

प्रश्न – भीमराव अंबेडकर के कितने पुत्र थे

उत्तर – भीमराव अंबेडकर के 4 पुत्र थे यशवंत,  रमेश, गंगाधर और राजरत्न। परंतु उनमें से तीन की बचपन में ही मृत्यु हो गई थी, केवल यशवंत ही जीवित रहे। 

प्रश्न – अंबेडकर जयंती 2023 (Ambedkar Jayanti 2023) कब है ?

उत्तर –14 अप्रैल 2023 को

हमारे शब्द – Our Words

दोस्तों ! आज के इस लेख डॉ0 भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय, निबंध, जयंती 2023 | Doctor Bheemrav Ambedkar Ka Jivan Parichay में हमने आपको डॉ बी0 आर0 अंबेडकर के बारे में वृहत जानकारी उपलब्ध कराई है।

हमें पूर्ण आशा है कि आपको यह जानकारी और यह लेख Dr. Bhimrao Ambedkar Biography in Hindi

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