परंतु गणपति जी को विदा करते समय उनके विसर्जन के कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिये। यहाँ जानिये उनके बारे में -
लकड़ी का एक पटरा लेकर उसे गंगाजल से साफ करके परिवार की महिला के द्वारा उस पर स्वास्तिक बनाया जाना चाहिए।
फिर उस पटरी पर अक्षत रखकर उस पर लाल, गुलाबी अथवा पीला कपड़ा बिछाकर उस पर गणपति जी की मूर्ति को रखना चाहिए।
गणपति जी को पटरी पर विराजमान करने के बाद उस पर फल फूल और मोदक रखने चाहिए।
इसके बाद गणपति जी को वस्त्र पहनाकर, उनका भोग लगाकर विधिवत रूप से उनकी पूजा करनी चाहिए।
फिर एक रेशमी कपड़ा लेकर उसमें दूर्वा घास, मोदक, सुपारी और कुछ पैसे रखकर उसकी गांठ बांधकर उस पोटली को गणपति बप्पा के साथ ही रख देना चाहिए।
तदुपरांत सब परिवार को गणपति जी की आरती करनी चाहिए और "गणपति बप्पा मोरया" के जयकारे लगाने चाहिए, तथा अपनी त्रुटियों के लिए क्षमा माँगनी चाहिए।
अंत में गणपति जी की मूर्ति का पूर्ण सम्मान के साथ जल में विसर्जन करना चाहिए।